भोपाल। सिंगापुर में गुर्दों की बीमारी का उपचार कराकर लौटे तुकोजीराव पवार अभी तक बिना विभाग के मंत्री हैं। बीमारी के चलते अपने विभागों को अन्य मंत्रियों को प्रभार के रूप में दिलाने के बाद वे अब खुद विभाग पाने के लिए परेशान हैं। विभाग लौटाने के लिए वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मिल चुके हैं, लेकिन उनकी परेशानी तस की तस है। उनकी बड़ी तकलीफ यह है कि पावन नहीं होने की वजह से उनके गृह जिले के कलेक्टर एवं कमिश्नर तक उन्हें तबज्जो नहीं दे रहे हैं।
पिछले साल तक तुकोजीराव पवार खेल एवं युवक कल्याण विभाग के मंत्री थे। स्वास्थ्य खराब होने की वजह से उन्होंने खुद अपने विभागों को अन्य मंत्रियों को अतिरिक्त प्रभार के रूप में देने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सिफारिश की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मार्च 2013 में कृषि राज्यमंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह को खेल एवं युवक कल्याण विभाग का प्रभार दे दिया। इस बीच तुकोजीराव पवार किडनी का उपचार कराने के लिए सिंगापुर चले गए। जहां वे करीब तीन महीने तक रहे। जब मई में वे लौटकर वापस आए और पूरी तरह स्वास्थ्य होने के बाद पहली बार जून में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहाने मिलने पहुंचे। इस मुलाकात के दौरान ही पवार ने मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया था कि वे अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं और अपना कामकाज फिर से संभाल सकते हैं। इसके बाद जब पवार को उनके विभाग वापस नहीं मिले तो पिछले महीने विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से फिर चर्चा की और सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया।
अधिकारी नहीं दे रहे तवज्जो
बिना विभाग का मंत्री होने की वजह से उनके गृह जिले देवास के प्रशासनिक अधिकारी भी उन्हें ठीक से तबज्जो नहीं दे रहे हैं। जब उनके पास खेल एवं युवक कल्याण विभाग था, तब कलेक्टर हर महीने उनके मिलकर योजनाओं के संबंध में चर्चा करते थे। यही स्थिति कमिश्नर एवं पुलिस अफसरों के साथ है, वे भी पहले की तरह तुकोजीराव की बात को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। उनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि प्रशासनिक अधिकारी उनके धुर विरोधी खेमे के नेता दीपक जोशी को खासी तवज्जो दे रहे हैं। जबकि वे मात्र एक विधायक हैं। यहां बता दें कि दीपक जोशी पूर्व मुख्यमंत्री एवं भोपाल सांसद कैलाश जोशी के बेटे हंै। जिसकी वजह से उनका देवास एवं आसपास के क्षेत्र में खासा प्रभाव है।
पुरानी पॉवर चाहिए
बताया गया कि सरकार ने तुकोजीराव पवार को अन्य किसी विभाग का प्रभार देना चाहा, लेकिन तुकोजीराव पुराने विभाग लेने की जिद पर अड़ गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को भी अपनी मंशा से अवगत करा दिया था। पवार की जिद की वजह से सरकार पशोपेश की स्थिति में है यदि बृजेन्द्र प्रताप सिंह से प्रभार वापस लेते हैं, तो वे भी एतरात जता सकते हैं और दूसरी ओर पंवार अन्य विभाग में मान नहीं रहे हैं। बताया गया कि बृजेन्द्र सिंह भी अब खेल एवं युवक कल्याण विभाग को वापस देने के मूढ़ में नहीं है।