शिवराज के साम्प्रदायिक चेहरे पर सेक्यूलर मुखौटा

अजय सिंह/भोपाल। टोपी और टीके की राजनीति अब भाजपा में जोर पकड़ती जा रही है। कांग्रेस पर हमेशा तुष्टीकरण का आरोप लगाने वाली भाजपा में सत्ता में लौटने की छटपटाहट इतनी जोर पर है कि भाजपा मुख्यमंत्री कुछ भी करने को तैयार है लेकिन प्रदेश की जनता अब उनकी नौटंकी से गुमराह नहीं होने वाली।

शिवराज सिंह चौहान ने पहले मदरसों में उर्दू की किताबों में भगवद गीता पढ़ाना अनिवार्य कर दिया। फिर दूसरे दिन रोजा अफ्तार भी रख लिया। जब हमारे  मुस्लिम भाईयों ने रोजा अफ्तार में आने से इंकार कर दिया तो ताबड़तोड़ भगवद् गीता का पाठ मदरसों और उर्दू किताबों से हटवा दिया और बोले कि मुझे बताया ही नहीं गया। मुख्यमंत्री को पता नहीं और इतना बड़ा फैसला हो गया। मुख्यमंत्री का यह कहना उनके बरताव और अराजक शासन पर एक अलग सवाल खड़ा करता है।

रोजा इफ्तार में टोपी केसरिया रंग की बनवाई और पहनी। ईद के दिन ईदगाह पहुंचे वहां पहले टोपी पहनने से इंकार कर दिया फिर किसी भाई ने कान में कहा तो टोपी पहन ली और बगल में खड़े रजा मुराद से अपनी तारीफ और मोदी की आलोचना करा दी।

सत्ता में आने कि लिए साम्प्रदायिक चेहरे पर सेक्यूलर मुखौटा लगाने का चाहे जितना भी ढोंग, पाखंड शिवराज करें सत्ता में तीसरी बार आने के लिए शिवराज जो हथकंडे कर रहे है उससे इस प्रदेश की जनता अब गुमराह नहीं होगी। उसने तय कर लिया है कि अब शिवराज तुम्हें जाना होगा।

लेखक श्री अजय सिंह मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता हैं। 
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