इंदौर। क्या मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार यौन शोषण के आरोपों में अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए मारे-मारे घूम रहे आसाराम बापू को बचाने की कोशिश कर रही है? आसाराम के बारे में मध्यप्रदेश पुलिस का झूठ पकड़े जाने के बाद अब ये सवाल सामने आ खड़ा हुआ है।
शनिवार को मध्य प्रदेश पुलिस ने बयान दिया था कि इंदौर के आश्रम में आसाराम नहीं हैं लेकिन थोड़ी ही देर बाद यौन शोषण के आरोपी आसाराम के बेटे नारायण साईं मीडिया के सामने आए और उन्होंने खुलासा कर दिया कि उनके पिता आसाराम अब भी इंदौर के आश्रम में ही हैं।
नारायण साईं ने मीडियो को बताया कि आसाराम की तबीयत ठीक नहीं है। उनके सिर में अचानक से दर्द उठ रहा है, जैसे ही उनकी सेहत ठीक होगी वो पुलिस के सामने पेश हो जाएंगे। नारायण साईं के इस बयान से मध्य प्रदेश की पुलिस का झूठ बेनकाब हो गया है। मध्य प्रदेश की पुलिस ने इससे पहले कहा था कि आसाराम इंदौर में नहीं हैं।
इंदौर के पुलिस अधीक्षक गोविंद रावत ने इससे पहले दावा किया था कि आसाराम आश्रम में मौजूद नहीं हैं। उन्हें हिरासत में लिए जाने की खबर की वजह से ही उनके समर्थकों की भीड़ आश्रम के आसपास बढ़ रही है।
सूत्रों का कहना है कि आसाराम की ओर से पुलिस द्वारा इंदौर में ही पूछताछ कराए जाने की कोशिश चल रही है। ताकि इस प्रक्रिया में दो दिन निकाल लिए जाएं और स्वास्थ्य का हवाला देकर इंदौर उच्च न्यायालय में सोमवार को जमानत के लिए आवेदन दिया जा सके।
उधर, जोधपुर के पुलिस उपायुक्त अजय पाल लाम्बा ने बताया कि उन्हें आसाराम से एक फैक्स मिला था। जिसमें उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य और अपने समधी की मौत का हवाला देते हुए कहा है कि वह नियत समय पर पेश होने में सक्षम नहीं हैं. उन्होंने पूछताछ के लिए पुलिस के सामने पेश होने के लिए और समय मांगा है।
लाम्बा ने बताया कि पुलिस उन्हें किसी प्रकार की राहत नहीं देगी,क्योंकि उन्होंने फैक्स में जो कहा है,उस पर विश्वास करने के लिए कोई मजबूत आधार नहीं है. आसाराम की गिरफ्तारी की संभावना के बारे में लाम्बा ने बताया कि इस समय पुलिस के पास उनके खिलाफ पर्याप्त और मजबूत साक्ष्य हैं जो उन्हें गिरफ्तार करने के लिए काफी हैं, लेकिन वह पूछताछ के दौरान उन्हें खुद को निर्दोष साबित करने एक मौका देगी।
आसाराम पर 16 वर्षीय एक स्कूली छात्रा के यौन उत्पीड़न का आरोप है. जोधपुर पुलिस को भेजे फैक्स में आसाराम ने लिखा है,‘‘ मुझ पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के कारण मैं ही नहीं, अपितु मेरे समर्थक भी गहरे सदमे में हैं. इसी सदमे ने मेरे समधी की जान ले ली. इसलिए पुलिस का हर कदम मानवीय दृष्टिकोण के आधार पर लिया जाना चाहिए.’’
इस बीच, मीडियाकर्मियों पर हमले के मामले में पुलिस ने छह लोगों को हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने कहा कि हमने आश्रम से छह लोगों की पहचान करके उन्हें हिरासत में लिया है. हमले में शामिल अन्य लोगों का भी पता लगाया जा रहा है.