भोपाल। हालिया घोषित पटवारी वार्षिक परीक्षा 2013 (प्रथम सत्र) परिणाम को मध्यप्रदेश जागरूक पटवारी संघ ने पूरी तरह दोषपूर्ण एवं प्रदेश के युवा पटवारियों के साथ खिलबाड़ बताते हुए पुन: संशोधित परिणाम घोषित करने की मांग की है।
संघ के प्रांताध्यक्ष मुकुट सक्सेना ने बताया कि मुरैना में 102 से मात्र 4, रीवा में 202 में से मात्र 23 प्रशिक्षणार्थी उत्तीर्ण घोषित किये गए हैं, जबकि प्रवेश परीक्षा द्वारा उन्हें हजारों में से चुना गया था। और उसके बाद 1 वर्ष के लिए प्रशिक्षण दिया गया था। तब इतना कमजोर परिणाम वह कैसे दे सकते हैं।
उन्होंने बताया कई प्रशिक्षणार्थी अन्य परीक्षायों में जिले में टॉपर तक रहे हैं। हमेशा 80-90% अंक लाने वाले इस परीक्षा में अनुत्तीर्ण घोषित कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया निश्चित रूप से परीक्षा परिणाम दोषपूर्ण है, प्रदेश के युवा पटवारियों के साथ खिलबाड़ किया गया है। और यदि कॉपी चेक करने में कमी नहीं है तो .. यह सवाल तो उठता ही है कि फिर साल भर से प्रशिक्षण के नाम पर क्या चल रहा था ?
उन्होंने बताया परिणाम घोषित करने में नियमों का भी पालन नहीं किया गया है। नियमावली में 5 नम्बर कृपांक का प्रावधान है, जो नहीं दिए गए हैं। इस का लाभ भी दिया जाए तो काफी परिवर्तन परिणामों में आ सकता है। विषम परिस्तिथि परिणाम 4% से भी कम आ रहा है, तो आयुक्त महोदय पासिंग मार्क 10 अंक तक कम कर सकते हैं, वह भी जरूरी नहीं समझा गया।
संघ ने इस तरफ गंभीरता से ध्यान देने के लिए शासन से निवेदन किया है। और प्रदेश के मुखिया माननीय मुख्यमंत्री जी के समक्ष प्रदेश के युवा पटवारियों का पक्ष रख रहा है।
संघ ने मांग की है कि 5 नम्बर कृपांक और पासिंग मार्क 10 अंक तक कम किया जाकर संशोधित परीक्षा परिणाम पुन: घोषित हो। और सभी प्रशिक्षणार्थी पटवारियों की पदस्थापना तत्काल की जाये।