भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत सहायक शिक्षकों ने राज्य शिक्षा सेवा के अंतर्गत होने जा रही एईओ की चयन प्रक्रिया को अन्यायपूर्ण करार देते हुए न्याय की मांग की है। उनका कहना है कि पदोन्नति में देरी कर शासन पहले से ही अन्याय कर रहा है, अब इस चयन प्रक्रिया के निर्धारण से असहनीय मार पड़ेगी।
स्कूल शिक्षा विभाग की 12 वर्ष से 35 वर्ष सेवा करने वाले स्नातक सहायक शिक्षकों को शासन द्वारा समय पर पदोन्नति नहीं देने के कारण इस परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित किया गया है। वहीं दूसरी ओर पंचायत/स्थानीय निकाय द्वारा नियुक्त अध्यापक जो कि स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारी भी नहीं हैं उन्हें मात्र 5 वर्ष की सेवा करने पर पात्रता दी गई है। जो कि एरिया एजुकेशन आफिसर बनकर, वर्षो से स्कूल शिक्षा विभाग के सेवा कर रहे सहायक शिक्षकों के अधिकारी बनकर उनका वेतन आहरण, अवकाश स्वीकृति करने एवं मानीटरिंग का कार्य भी करेंगें।
सहायक शिक्षक से शिक्षक के पद पर वरिष्ठता के आधार की जाने वाले पदोन्नति के नियम परिवर्तन कर विषयवार पदोन्नति किये जाने से कई कनिष्ठ सहायक शिक्षक पदोन्नत होकर शिक्षक बन गये है तथा वे भी इस एईओं की परीक्षा में सम्मिलित होने की पात्रता रखते है जबकि उनसे वरिष्ठ सहायक शिक्षक पात्र होते हुवे भी शिक्षक के पद पर पदोन्नति नहीं होने के कारण इस परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित हो रहे हैं।
इस प्रकार वरिष्ठ सहायक षिक्षकों को सेवा में अपने से कनिष्ठ के अधीन कार्य करना पडेगा। यह हमारे मनोबल को कमजोर कर, आत्मसम्मान को ठेस पहॅंुचाने एवं अपमानजनक स्थिति में कार्य करने हेतु मजबूर करेगा। स्कूल षिक्षा विभाग की वर्षों से सेवा करने वाले सहायक षिक्षकों के साथ शासन द्वारा ऐसा भेदभाव किया जाना न्यायोचित नहीं है।
स्कूल षिक्षा विभाग द्वारा गठित राज्य शिक्षा सेवा अन्तर्गत एरिया एजुकेशन आफिसर के पदों पर नियुक्ति के लिये होने वाली परीक्षा में 12 वर्ष की सेवा पूर्ण कर, वरिष्ठ वेतनमान प्राप्त कर चुके स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण सहायक शिक्षकों को भी सम्मिलित होने की पात्रता प्रदान की जावे। साथ ही स्नातक योग्यताधारी सहायक शिक्षकों को शिक्षक पद पर पदोन्नति दी जाए।
संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष
दिनेश सक्सेना