राकेश दुबे@प्रतिदिन। शायद रामगोपाल यादव प्रोफेसर कहलाते है ? मैं उन्हीं सांसद रामगोपाल यादव की बात कर रहा हूँ, जो समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य है और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दावा कर रहे है की वे उत्तर प्रदेश को बगैर अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के चला लेंगे| सामान्य ज्ञान रखने वाले लोग भी इसे बदतमीजी मान रहे है| शायद रामगोपाल जी यह नहीं जानते कि वे और उनकी सरकार चाह कर यह नहीं कर सकती|
अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का चयन संघ लोक सेवा आयोग द्वारा किया जाता है और राज्य की आवश्यकता के अनुसार उन्हें उस राज्य के काडर में पदस्थ किया जाता है| कोई भी राज्य सरकार अपने यहाँ अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की तैनाती की संख्या में कमीबेशी के अतिरिक्त कुछ और नहीं कर सकती| प्रत्येक राज्य में इन अधिकारियों की नियुक्तियां तो संविधान में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत ही होती है| राष्ट्रीय एकता भी काडर आवंटन की एक महत्वपूर्ण शर्त होती है|
अब किसी खनन कांड के आरोपियों को बचाने के लिए इस प्रकार के कुतर्कों का सहारा लिया जा रहा है | केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर तकरार को उत्तर प्रदेश सरकार तैयार है| सच में यह “ सत्ता के तहत मिले अधिकारों का दुरूपयोग” है जिसे सामान्य भाषा में बदतमीजी ही कहा जाता है|