भोपाल। हबीबगंज-इंदौर एसी डबल डेकर ट्रेन को शुक्रवार को हबीबगंज से भोपाल के बीच सरकाकर देखा गया और फिर ये ट्रेन जंग खाने के लिए वापस भेज दी गई। अब ट्रायल रिपोर्ट तैयार होगी, फिर सीआरएस को भेजी जाएगी, फिर वहां प्राप्त होगी, फिर अधिकारी की टेबल पर जाएगी, फिर अधिकारी देखेंगे, फिर विचार करेंगे, फिर... पता नहीं क्या। वो तो शुक्र है पटरियों पर दौड़ रहीं ट्रेनें कम से कम दो चार घंटे ही लेट होतीं हैं।
होली के अवसर पर शुरू होने वाली डबलडेकर दीपावली तक भी शुरू हो जाए तो गनीमत मानिए। फिलहाल सीआरएस से क्लीयरेंस मिलने के बाद आरडीएसओ(रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्स आॅर्गनाइजेशन) लखनऊ ट्रेन का दोबारा ट्रायल करवाएगा।
रेलवे के अधिकारी के अनुसार शुक्रवार को 12.30 बजे हबीबगंज से भोपाल के लिए रेलवे के इंजीनियरों की मौजूदगी में डबल डेकर के चार कोच को लेकर भोपाल स्टेशन तक लोकल ट्रायल किया गया। इस दौरान हबीबगंज स्टेशन के शेड, प्लेटफॉर्म के अलावा ट्रैक पर बिछी गिट्टियां एवं नीचे के डेक में बैठे यात्री को जर्क तो नहीं लग रहा है। इसकी जानकारी एकत्रित की गई। ट्रेन के भोपाल तक ट्रायल के बाद एक कोच को भोपाल स्टेशन के कोचिंग डिपो में मेंटेनेंस के लिए खड़ा किया गया है।
फोन पर मिली सफल ट्रायल की जानकारी रेलवे सेफ्टी कमिश्नर चेतन बक्शी का कहना है कि उन्हें डबल डेकर के सफल ट्रायल की जानकारी पश्चिम मध्य रेलवे के इंजीनियरों ने फोन पर दी। उन्होंने बताया कि ट्रायल के दौरान इस बार की जानकारी जुटाई गई कि ट्रेन संचालन के समय ट्रैक पर बिछी गिट्टियां और नीचे के डेक में बैठे यात्री को जर्क तो नहीं लग रहा। बताया गया है कि इस दौरान यह भी देखा गया कि डबल डेकर का मूविंग डायमेंशन ठीक है या नहीं। उन्होंने बताया कि ट्रायल रिपोर्ट का परीक्षण कर क्लीयरेंस के बारे में सोचा जाएगा।
फिलहाल इतना ही, इसके बाद यह कुंभकरण जब भी जागेगा, हम अपडेट देते रहेंगे।