अनूपपुर। एक बार फिर से शिक्षा माफिया प्रशासन पर भारी पड़ते दिखाई पड़ रहे है तभी तो डंके की चोट पर नकल कराने का ठेका लेते हुयें परीक्षार्थियों को पूरी सुविधा मुहैया करा रहे है। कोतमा के शिशु भारती विद्यालय में महार्षि यूनवर्सिटी द्वारा आयोजित कम्प्यूटर परीक्षा में छात्रो की बल्ले बल्ले है।
परीक्षा केन्द्र के अंदर किताब कॉपी के अलावा छात्र अपना मोबाइल भी नकल करने में उपयोग कर रहे है। लेकिन वाह रे जिले के शिक्षा विभाग के कर्णहार जिन्हे यह सब बिल्कुल नही दिखाई पड़ रहा है। इस पूरे मामले की शिकायत होने के बावजूद भी प्राशानिक अधिकारी व शिक्षा विभाग के लोग हाथ खड़े कर सत्ता पक्ष के सामने घुटने टेक दिये है।
जिले के कोलयांचल नगरी के कोतमा में महार्षि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कम्प्यूटर परीक्षा में इन दिनों जमकर भर्रेशाही का आलम देखा जा सकता है। शिशु भारती विद्यालय में पदस्थ प्राचार्य के संरक्षण में नकल का खुल्ला खेल खेला जा रहा है। एैसा नही है कि इस विद्यालय में यह कोई पहली बार हो रहा है इसके पूर्व में भी यहां पर जब भी परीक्षा हुई तो नकल कराने के आरोप लगते रहे और प्रशासनिक अधिकारी छात्रो को मोबाइल व नकल सामाग्री के साथ पकड़ भी था। इसके बावजूद भी शिक्षा माफिया के दिलारे में कोई कमी नही आई। और प्रशासन को अपने जेब में रखने का दावा करते हुयें इस बार भी खुल तौर पर नकल कराया जा रहा है।
ठेके पर चल रही नकल
शिशु भारती विद्यालय में कम्प्यूटर की जो परीक्षा चल रही है उसमें शिक्षा माफिया छात्रो से नकल कराने के नाम पर मोटी रकम वसूल किये है जिसके दम पर वे प्रशासनिक व शिक्षा विभाग के अधिकारियों की जेबे गरम कर अपने मनमर्जी के मुताबिक काम को अंजाम दे रहे है। यदि यहां पर छापामार कार्यवाही की जाये तो सारा राज फंस हो सकता है। लेकिन मजाल क्या की कोई अधिकारी इस विद्यालय के अंदर दखल दे दे। कारण की इस विद्यालय के अध्यक्ष सत्ता पक्ष के नेता है।
कौन है नेता
जिस विद्यालय में छात्रों को नकल कराने का खुला संरक्षण दिया गया है वह विद्यालय किसी ऐरे गैरे व्यक्ति का नही है बल्कि सत्ता पक्ष के है जिनके दम पर वहां का प्राचार्य अपने आप को खुदा मानता है। और नकल कराने का खुला संरक्षण दे रखा है। शायद यही कारण है कि प्रशानिक अधिकारी भी अपनी कुर्सी बचाये रखने के लिये इस विद्यालय से दूरी बनाये हुयें है। जबकि नेता जी गले तक सूदखोरी के धंधे में आरोपो से घिरे हुयें है, गरीबों का खून चुसने वाले तथा कथित इन नेताओं ने शिक्षा के पवित्र मंदिर को अब गंदा करने का बीड़ा उठा लिया है। किराने की छोटी सी दुकान को मोहरा बनाकर सूदखोरी का धंधा फैलाकर बैठे ऐसे नेताओं के क्रियाकलापों की जानकारी प्रशासन को होने के बाद भी कार्यवाही न होना कई सवाल खड़े करते है।
इनका कहना है
नकल की जानकारी हमें प्राप्त हुई है इस पूरे मामले की खोज खबर लेने मै खुद जाऊगां या फिर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भेजूगां।
कमलेश पुरी
एसडीएम, कोतमा