इंदौर। लाइफ लाइन हॉस्पिटल में इलाज के दौरान हुई एक महिला की मौत के मामले की जांच रिपोर्ट में हॉस्पिटल के मैनेजमेंट को दोषी माना गया है। कलेक्टर को सौंपी गई आठ पन्नों की इस जांच रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण ही महिला की मौत हुई।
इस मामले में प्रशासन हॉस्पिटल का रजिस्टेशन निरस्त करने का नोटिस जारी कर रहा है। उल्लेखनीय है कि गत फरवरी माह में 30 वर्षीय अर्चना बियानी के पेट में गठरी होने की शिकायत पर परिजनों ने उसे एलआईजी स्थित लाइफ लाइन हॉस्पिटल में भर्ती करया था।
हॉस्पिटल के डाक्टरों ने आपरेशन करने के लिए महिला का पेट चीरा तो डॉक्टरों ने देखा कि गठरी काफी बड़ी है और इसको निकालने के लिए बड़ा आपरेशन करना होगा। इसमें कम से कम 6 लाख रुपए खर्च होगा। डॉक्टरों ने परिजनों से यह भी कहा कि पहले रुपयों का इंतजाम करो उसके बाद आपरेशन होगा।
ऐसा कहते हुए डॉक्टरों ने महिला का पेट सिल कर उसे एक जनरल वार्ड में पहुंचा दिया। इसी बीच महिला की हालत बिगड़ने लगी और बाद में उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद महिला के परिजनों व रिश्तेदारों ने जमकर हंगामा किया और
हॉस्पिटल के खिलाफ थाना एमआईजी में एफआईआर दर्ज कराई। जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी: जांच अधिकारी एसडीएम रजनीश कसेरा ने बताया मामले में हर पहलुओं पर जांच की गई और साक्ष्य जुटाने के बाद दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए। उन्होंने सोमवार को अपनी 8 पन्नों की जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी।
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