भोपाल। इंजीनियर बनने का सपना पाले हुए थे। तीन साल की बीई की डिग्री भी पूरी हो गई। बावजूद इसके टेक्नीकल ट्रेड युवा गिट्टियां ढोने की नौकरी करने के लिए मजबूर हैं। ऐसा ही एक नजारा मंगलवार को हबीबगंज रेलवे फाटक की मरम्मत के दौरान देखने को मिला।
ट्रैक की मरम्मत का काम कर रहे यह आम मजूदर नहीं बल्कि डिग्री धारी वे युवक हैं। जिन्होंने कुछ समय पहले ही बीई और मैंनेजमेंट कोर्स की डिग्री हासिल की है। युवाओं से जब बात की सामने आया कि उन्होंने नौकरी के लिए हर मुनासिब दर पर दस्तक दी।
जब काम नहीं बना तो रेलवे की नौकरी स्वीकार कर ली। सिर्फ युवक ही नहीं, बल्कि पढ़ी लिखी युवतियां भी रेलवे ट्रैक पर मजदूरी करते देखीं गई। ये लड़कियां शर्म के कारण मुंह पर नकाब बांधे थीं।
