भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रतिपक्ष के विश्वास प्रस्ताव से घबरा गये है। उनकी भाजपा विधायकों को यह सीख की अविश्वास प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष को बोलने न दें। यह एक भयभीत मुख्यमंत्री की खिसयानी शिक्षा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि असहज हो गये मुख्यमंत्री ने अपने इस कृत्य से मुख्यमंत्री पद की गरिमा को कम करने के साथ ही संवैधानिक शपथ का भी उल्लंघन किया है और लोकतंत्र का अपमान किया है।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश के सर्वोच्च पद पर बैठे शिवराज सिंह चैहान द्वारा भाजपा विधायक दल की बैठक में यह कहना कि नेता प्रतिपक्ष को न सुने और कांग्रेस विधायकों के खिलाफ प्रकरण लाये और मैं उनके विरूद्ध कार्यवाही करने का आदेश दूंगा। उनकी यह टिप्पणी विपक्ष द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के भय की अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने पद की गरीमा और जवाबदेही भूल गये है। आज वे संकटों से घिरे हैं जिसके चलते वे संसदीय परंपरा को, उसकी मर्यादाओं को भी भूल गये।
सहज और सरल व्यक्तित्व की छवि प्रचारित करने वाले मुख्यमंत्री ने दस साल तक अरबों रूपये अपनी इस छवि बनाने में इस प्रदेश की जनता का पैसा बहाया लेकिन अपनी कलई खुलते ही उन्होंने बता दिया कि वे एक असहज मुख्यमंत्री है और लोकतंत्र में प्रतिपक्ष के विरोध को सहने की उनमें क्षमता नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान से एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि यह एक फासिस्टवादी सोच की अलोकतांत्रिक पार्टी है जिसका विधानसभा जैंसी संस्था और उसकी प्रक्रियाओं पर कोई विश्वास नहीं है।
श्री सिंह ने कहा कि बार-बार सदन में यह व्यवस्था आती है कि सदन के नेता खड़े है नेता प्रतिपक्ष खड़े है कोई सदस्य न बोले लेकिन हमारे मुख्यमंत्री प्रतिपक्ष के द्वारा उनके कुशासन के विरूद्ध लाये जा रहे सशक्त अविश्वास प्रस्ताव को देखकर घबरा गए जो उन्हें कल मिल गया है। श्री सिंह ने कहा कि शर्मनाक शासन के बाद अब इस प्रदेश के मुख्यमंत्री को मध्यप्रदेश विधानसभा की संसदीय परंपराओं को ध्वस्त करने का भी श्रेय जायेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इतने अधिक घबरा गये है कि उन्होंने यहां तक कहा कि विधायक कांग्रेसियों के खिलाफ मामले लाये।
वे उस पर कार्यवाही करने का आदेश देंगे। श्री सिंह ने कहा कि दस साल तक जो मुख्यमंत्री कांगे्रस नेताओं के खिलाफ एक भी मामले सिद्ध नहीं कर पाया तो वह अब विधायकों से अपील कर रहा है। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चैहान जो कल तक अपने को इस प्रदेश का पुजारी कहते थे, जनता को भगवान कहते थे अब वे अपने कथन से ही यह साबित कर रहे है कि वे एक तानाशाह की तरह काम कर रहे है। और वे भूल गये है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत चुने गये मुख्यमंत्री है। जो अपने मन से नहीं कानून से राज चलाने का अधिकार रखते है।