पढ़िए दिग्विजय सिंह की ताजा पोस्ट: क्या मैं हिंदू विरोधी हूं

क्या मैं हिंदू विरोधी हूं

दिग्विजय सिंह। मैं जानता हूं कि जो कुछ भी मैं कह रहा हूं उसका ‘संघी गिरोह’ अनदेखी करने जा रहे है. फिर भी जो बात मैं मानता हूं उसे रिकॉर्ड में दर्ज कराना मेरा कर्तव्य है। मैंने जो दावा किया है अगर आप उसे नहीं मानते हैं तो राघोगढ़ में मेरे अतिथि के तौर पर आपका स्वागत है और आप खुद इसकी जांच कर लें। राघोगढ़ का रास्ता भोपाल से तीन घंटे का है।

आरएसएस के विचारक वीर सावरकर आर्य समाज से जुड़े हुए थे और ‘सनातन धर्म के प्रबल विरोधी’ थे।  उनके गुरू द्वारका के शंकराचार्य हिंदुत्व का मतलब स्पष्ट नहीं कर पाए थे।

मैं मानता हूं कि इस शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल ‘वीर सावरकर’ ने किया जो कट्टर आर्य समाजी थे, जिन्होंने सनातन धर्म का प्रबल विरोध किया। सनातन धर्म के प्रति आर्य समाज की असहिष्णुता ज्ञात है। आर्य समाज सनातन धर्म के अनुसार धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अपने परिसरों के इस्तेमाल की अनुमति भी नहीं देता है।

गायत्री मंत्र दिए जाने के बाद से मैं 1969 से पूजा कर रहा हूं। मैं सभी एकादशी में उपवास रखता हूं और विगत 21 सालों से विठो बा की पूजा करने के लिए पंढरपुर जाता हूं।

मैं एक अच्छे आस्थावान हिंदू हूं। यह मेरा कर्तव्य है कि मुस्लिमों, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ संघियों और उनके वेतनभोगी पेशेवरों द्वारा फैलाई जा रही गलत बातों के खिलाफ खड़ा रहूं।

बीजेपी के हिंदुत्व का धर्म से कुछ भी लेना देना नहीं है, बल्कि भोले-भाले हिंदुओं को ठगने की चाल है। एक अच्छा हिंदू संघ ब्रिगेड के विपरीत हमेशा सभी धर्मों का सम्मान करता है। मैं प्रतिदिन आधे घंटे पूजा करता हूं और द्वारका और जोशी मठ के शंकराचार्य ने मुझे ‘दीक्षा’ दी थी और मध्य प्रदेश के राघोगढ़ में मेरे आवास पर नौ मंदिर हैं, जहां हर दिन पूजा होती है।

मुझे संघियों और अहमदाबाद के निकट मणिपुर साणंद में संस्कार धाम से काम कर रहे मोदी की ओर से रखे गए वेतनभोगी पेशेवरों द्वारा सोशल मीडिया पर सर्वाधिक गाली खाने वाला व्यक्ति होने का दुर्लभ सौभाग्य हासिल है। उपरोक्त ‘गिरोह’ ने कभी मुझे 'डॉगविजय' सिंह, तो कभी 'पिगविजय' सिंह बताया है, जो शायद मेरे पौत्र से भी उम्र में छोटे होंगे।

जो लोग यह मानते हैं कि मैं हिंदू विरोधी हूं, वे इसपर गौर करें. क्या वे बीजेपी और आरएसएस में इससे अधिक किसी और धर्मपरायण हिंदू को जानते हैं. अगर जानते हैं तो मैं उनसे मिलना चाहूंगा।

कई बार मुझसे इस्लाम कबूल करने की तो कभी ईसाई धर्म कबूल करने की उम्मीद की जाती है। प्रचार के तौर पर उनके प्रशिक्षण के दौरान संघियों को सरासर झूठ फैलाने की बात सिखाई जाती है लेकिन मैं उनपर या उनके माता-पिता पर दोषारोपण नहीं करूंगा। बल्कि संस्कार धाम या आरएसएस की शाखाओं में उन्हें दिए जाने वाले संस्कारों को दोषी ठहराया जाना चाहिए।

इसके बावजूद संघ और बीजेपी और उनका ब्रिगेड मुझे हिंदू विरोधी बताता है। राघोगढ़ में मेरे आवास पर स्थित नौ मंदिरों में चौदह पीढ़ियों से अधिक समय से रोजाना पूजा हो रही है और उनमें से चार में चौबीस घंटे स्थाई तौर पर ‘ज्योति’ जलती रहती है और मैं हनुमान मंदिर में वेद पाठशाला चलाने वाले ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हूं।

मुझे हिंदू विरोधी, मुस्लिम समर्थक और हिंदू विरोधी राजनीति करने वाला बताया गया है, मैं पूछता हूं कि भगवान राम को बेचने के अलावा बीजेपी ने किया ही क्या है।

कहां गए वो रुपये जो राम मंदिर को बनवाने के लिए इकट्ठा किए गए थे?' चुनाव से पहले मोदी विकास और प्रशासन की बात करते हैं लेकिन जैसे ही चुनाव नजदीक आते हैं वो अल्पसंख्यकों के खिलाफ बोलने लगते हैं।
मैं उनसे (मोदी से) जानना चाहूंगा कि सेक्युलरिज्म और कम्युनलिज्म का मतलब क्या है। हम इस पर मीडिया के सामने उनसे बहस करना चाहेंगे। मैं उनसे कहना चाहूंगा कि वो अपना काम देखें।

  • श्री दिग्विजय सिंह का ब्लॉग पर इस आर्टीकल को अंग्रेजी में पढने के लिए यहां क्ल्कि करें

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