सर्वशिक्षा अभियान में सीएम पर पर भ्रष्टाचार का आरोप, अजय सिंह ने की सीबीआई को शिकायत

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भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आज कांग्रेस विधायकों के साथ सीबीआई के दफ्तर पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ केन्द्रीय योजना राशियों में भ्रष्टाचार करने की शिकायत दर्ज कराई। नेता प्रतिपक्ष ने सीबीआई को बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान के तहत मिली 19.20 करोड़ रूपये की राशि का नियम विरूद्ध संस्था विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए उपयोग किया, जो कि गंभीर अपराध है।

उन्होंने सीबीआई के भोपाल एसपी से मुख्यमंत्री द्वारा सरकारी फाईलों में छेड़छाड़ कर उसे अपने मन-माफिक करने और संस्था विशेष को अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए लाभार्थ करने के गंभीर अपराध पर संज्ञान लेते हुए शिकायत दर्ज कर उनके खिलाफ कार्यवाही करने को कहा है।

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह विधानसभा स्थगित होने के तत्काल बाद सीबीआई के दफ्तर पहुंचे। उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ विधायकों का दल था। उन्होंने सीबीआई भोपाल के एसपी यतिन्द्र कोयल से मुलाकात कर उन्हें मय दस्तावेज शिकायत दी। इस शिकायत में नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार को सर्वशिक्षा अभियान के तहत कक्षा पहली और दूसरी के विद्यार्थियों के लिए रीडिंग डेवलपमेंट सेल बनाया जाना था।

जिसमें उपरोक्त कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए पुस्तकें क्रय की जाना थी। श्री सिंह ने शिकायत में कहा कि सरकार ने इस राशि का सारे नियम कायदों का दरकिनार कर उपयोग किया। जिसका एक मात्र उद्देश्य आरएसएस की संस्था की पत्रिका देवपुत्र को लाभान्वित करना था।

नियम अनुसार केन्द्र सरकार की राशि का उपयोग उन्हीं मदों और उद्देश्यों के लिए किया जाता है जिसके लिए वह निर्धारित है। यह राशि उसी वर्ष खर्च किया जाना होता है जिस वर्ष के लिए इसे आवंटित किया गया है। देवपुत्र नामक जिस भी पुस्तक कक्षा पहली और दूसरी के विद्याथियों के लिए खरीदा गया वास्तव में यह पुस्तक उनके मानसिक स्तर से बहुत उपर थी।

नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने सीबीआई को सौंपी अपनी शिकायत में कहा कि सरकार की मंशा स्पष्ट थी कि इस राशि को येन-केन प्रकारेण आरएसएस को दिया जाना है। इसके लिए उसने इस राशि के उपयोग के लिए गठित उस समिति को भी दरकिनार कर दिया जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री है।

श्री सिंह ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के रीडिंग डेवलपमेंट की राशि 19.20 करोड़ में से 13 करोड़ 26 लाख 40 हजार 800 रूपये देवपुत्र खरीदने के लिए आगामी 15 वर्षों के लिए कर दिया गया। इस राशि में से 50 प्रतिशत राशि का अग्रिम भुगतान भी कर दिया गया। शेष राशि किस्तों में अगले 03 वर्षों में दे दी गई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देवपुत्र की खरीदी के लिए चली फाईल पर अधिकारियों ने स्पष्ट यह अंकित किया कि एनसीईआरटी द्वारा चयनित पुस्तकें ही खरीदी जा सकती है। साथ ही इस राशि का एक ही वर्ष अर्थात 2009-10 में ही उपयोग होना जरूरी है।

प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने नोट शीट क्रमांक 6695/कमीश्नर/आरएसके दिनांक 22.9.2010 में यह अंकित किया कि ‘‘सर्व शिक्षा अभियान की क्रय समिति द्वारा आजीवन देवपुत्र पुस्तिका के क्रय के प्रस्ताव का अनुमोदन नहीं दिया गया था।‘‘ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को यह टीप अपनी मंशाओं के विपरीत लगी तो उन्होंने शासकीय फाईल में छेड़छाड़ करते हुए एक दूसरी नोटशीट उसी दिनांक में दबाव डालकर लिखवाई जिसमें देवपुत्र पत्रिका को अगले 15 वर्षों तक सर्व शिक्षा अभियान के तहत रीडिंग डेवलमेंट सेल को मिली राशि से देवपुत्र खरीदने को अनुमोदित किया।

उन्होंने ऐसा करके केन्द्र सरकार से मिली राशि के निर्धारित मापदंडों का खुले आम उल्लंघन किया और विभाग के इच्छा के विरूद्ध आरएसएस की संस्था को लाभ पहुंचाया। देवपुत्र पत्रिका के संपादक अस्थाना को 13 करोड़ 26 लाख 40 हजार 800 रूपये का चेक जारी करने का आदेश दिये गये। नेता प्रतिपक्ष ने दोनों नोटशीट की कापी भी शिकायत के साथ सीबीआई को दी।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एक राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा केन्द्रीय योजनाओं की राशि का इस तरह नियमों के विरूद्ध उपयोग करना और फाईलों में छेड़छाड़ करना, क्रय समिति को दरकिनार करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने सीबीआई निदेशक से आग्रह किया कि वह मुख्यमंत्री के इस गंभीर अपराध को संज्ञान में लेते हुए तत्काल उनके विरूद्ध जांच कर कार्यवाही करें।

हमने सभी नियमों का पालन किया है, नासमझ हैं नेता प्रतिपक्ष: शिक्षा मंत्री

भोपाल। मध्यप्रदेश शासन की स्कूल शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस ने कांग्रेस की संकीर्ण मानसिकता पर हैरत जताते हुए कहा कि कांग्रेस कुंठाग्रस्त होकर घबराहट में अनर्गल सवाल उठाती है। देवपुत्र पत्रिका के मामले में राज्य सरकार ने पूर्ण रूप से सक्षम होते हुए सारी नियमों और प्रक्रियाओं का पालन किया है।

पूर्व में भी कांग्रेस दो शिकायतें क्रमश: लोकायुक्त और न्यायालय में कर चुकी है। न्यायालय ने शिकायत को खारिज कर दिया है। कांग्रेस द्वारा सीबीआई में दर्ज शिकायत का भी यही हश्र होगा। कांग्रेस अपना संतुलन खो चुकी है और निराधार शिकायतें करती है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि देवपुत्र को स्वीकृत करने का पूरा अधिकार राज्य सरकार को है और जो एग्रीमेंट किया गया है उसमें तीन पक्ष है, सरकार, प्रकाशक और बैंक पूरा पैमेंट नहीं किया गया है। देवपुत्र के मामले में एबीसी की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया गया है। जिसके औचित्य पर प्रश्न चिन्ह लगाना बेमानी है।

उन्होंने कहा कि यह राशि रीडिंग हेबिट डेव्हलपमेंट के लिए प्रावधानित थी, इसलिए राशि का गैर जरूरी उपयोग करना भी नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि केन्द्र में भाजपा के नेतृत्व में सरकार के गठन होने पर प्रयास होगा कि देश के हर बच्चे के हाथ में देवपुत्र पत्रिका सुलभ हो।

देवपुत्र पत्रिका के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह पत्रिका स्वर्णिम अतीत से परिचित कराते हुए स्वर्णिम भविष्य के निर्माण की प्रेरणा देती है। यह पत्रिका संपूर्ण देश के विद्यालयों में बच्चों के हाथ में पहुंचना चाहिए, जिससे देश का स्वर्णिम भविष्य बनेगा।

उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष की शिकायत ने दो बातें प्रमाणित कर दी है, पहली शिवराज सिहं चौहान के नेतृत्व में गठित सरकार नियम और प्रक्रियाओं के प्रति प्रतिबद्ध है, दूसरा कांग्रेस के साथियों ने विगत वर्षों में 10 वर्ष शासन किया लेकिन ऐसी कोई बौद्धिक समझ वे न तो विकसित कर सके और न इसका संकेत दे सके और प्रतिपक्ष में होते हुए भी अभी भी इस शिकायत ने उनकी नासमझी जाहिर की है।


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