भोपाल। इधर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उत्तराखंड में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर रहे थे और उधर मध्यप्रदेश के राज्यपाल के पैतृक गांव आंधीपुर में उनका जन्मदिवस धूमधाम से मनाया गया।
मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव का 86वां जन्मदिन सोमवार का उनके पैतृक आवास आंधीपुर जिला आजमगढ़ में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर गोष्ठी में उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला गया तथा उनके दीर्घायु होने की कामना की गई। राज्यपाल के छोटे भाई रामगनेश यादव ने केक काटकर लोगों को खिलाया। क्षेत्र की महिलाओं ने उनके जन्मदिन पर सोहर व मांगलिक गीत गाकर उनके दीर्घायु की कामना की।
जन्मदिवस पर हुई गोष्ठी में नीरज नरेश यादव ने कहा कि बाबूजी का व्यक्तित्व सादगी से परिपूर्ण है। उनकी निष्ठा व व्यक्तित्व का ही परिणाम है कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद को सुशोभित किया और जनता की सेवा की। अपने इसी गुणों के बल पर वह वर्तमान में मध्यप्रदेश के राज्यपाल के पद को भी सुशोभित कर रहे हैं।
डा. नंदकिशोर यादव ने कहा कि बाबूजी का जीवन संघर्षो से भरा रहा। उन्होंने संघर्ष करते हुए अच्छे समाज के निर्माण के लिए अपने क्षेत्र में सुशिक्षा की ज्योति जलाने के लिए राजकीय बालिका इंटर कालेज, महिला महाविद्यालय का निर्माण कराया। क्षेत्र के विकास के लिए अनेक पुल-पुलिया व सड़कें बनवाई। इस अवसर पर रामअजोर यादव, रामजनम यादव, केशव प्रसाद, परशुराम यादव, पदमेश पाडेय, चंद्रशेखर यादव, शिव कुमार मौर्य, अप्पू यादव, बालकृष्ण, डा. उदयभान यादव, विशाल यादव, बृजेश यादव, राजकुमार यादव, वीरेंद्र कुमार यादव, अनिल, सोनू, रामनरायन आदि उपस्थित थे।
आरोग्य निकेतन अंबारी की तरफ से राज्यपाल का जन्मदिन दुर्वासा मंडल मुन्ना बाबा की अध्यक्षता में सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान मरीजों में फल वितरित किया गया। मिशन अस्पताल हरवंशपुर में भी मरीजों में फल वितरित किया गया। इस मौके पर एके रस्तोगी, डा. अजीत पाण्डेय, डा. आरएम मानव, डा. डीडी सिंह, अरूण श्रीवास्तव, कमला गिरि, डा. दिलीप चौरसिया, सलोमी नाग, ऋषभ कुमार, सीपी देखावत, संदीप सिंह सोनू, ज्ञानेंद्र वर्ता, जितेंद्र यादव आदि उपस्थित थे।
आस्था जनसेवा संस्थान के प्रबंधक रामअवध यादव के नेतृत्व में महिला चिकित्सालय में मरीजों को फल व मिष्ठान दिया गया। श्री यादव ने कहा कि राज्यपाल जनता के साथ किसानों, छात्रों, बुनकरों, दबे-कुचले अल्पसंख्यकों, पिछड़े वर्ग के प्रति ज्यादा संवेदनशील रहे हैं। समय-समय पर उनके बीच हाजिर होकर उन्हें अपनेपन का अहसास कराते रहे हैं। मेजर लालचंद यादव, आलोक कुमार सिंह, भीम यादव, कमलेश मौर्य, केशव यादव, रामविजय आदि उपस्थित थे।
निश्चित रूप से इस बहाने कई दीनहीनों की मदद की गई परंतु इस अवसर पर बाबूजी के समर्थकों ने उत्तराखंड के लिए चवन्नी भी दान नहीं की।
