भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का अंतिम सत्र असमय समाप्त कर दिया गया। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा तक नहीं हो पाई। कांग्रेस इसे असंवैधानिक करार दे रही है, जबकि भाजपा का कहना है कि सबकुछ नियमानुसार हुआ है। आमजन भ्रम में है कि सही क्या है और गलत क्या। हम आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं 11 जुलाई को क्या कुछ हुआ विधानसभा के भीतर।
संसदीय कार्य मंत्री (डा. नरोत्तम मिश्रा) - अध्यक्ष महोदय, अविश्वास पर ही औचित्य का प्रश्न खड़ा हो गया, मैंने नहीं किया है इनके उपनेता ने ही प्रश्न खड़ा किया है, माननीय अध्यक्ष महोदय, जब अविश्वास के औचित्य पर ही प्रश्न है, नेता प्रतिपक्ष पर अविश्वास है, उन्होंने सदन में अपने लोगों को खड़ा किया, हमने अपने लोगों को खड़ा किया, मैं कह रहा हूं कि विधायी कार्य पूर्ण हो चुका है, अब इसका कोई औचित्य नहीं है सदन में सहयोग नही दे रहे है इसलिए सदन की कार्यवाही स्थगित की जावे।
(व्यवधान)
श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति- यह कार्यसूची क्या है, अध्यक्ष महोदय, यह आपकी अनुमति से सदन के अंदर कार्यसूची में छपा है, कार्यसूची में अविश्वास प्रस्ताव है, प्रस्ताव पारित हुआ था, इस पर चर्चा होनी चाहिए नहीं तो यह कार्यसूची किस काम की है।
(व्यवधान)
यह लोक तंत्र की हत्या की जा रही है, यह कार्यसूची किस काम की है।
डा. नरोत्तम मिश्रा- मैं संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, यह प्रस्ताव करता हूं कि सदन में शासकीय कार्य पूरा हो चुका है और प्रतिपक्ष सदन की कार्यवाही आगे चलाने में सहयोग नहीं कर रहा है इसलिए सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की जावे।
(व्यवधान)
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री (श्री कैलाश विजयवर्गीय) - अध्यक्ष महोदय, माननीय संसदीय कार्य मंत्री जी ने जो प्रस्ताव रखा है उसका मैं समर्थन करता हूं।
(व्यवधान)
श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति- संपूर्ण मध्यप्रदेश को मालूम है कि विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकृति दी है कि अविश्वास प्रस्ताव लिया जाता है।
(व्यवधान)
सदन की कार्यवाही का अनिश्चितकाल के लिए स्थगन
अध्यक्ष महोदय- क्योंकि संसदीय कार्य मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा यह प्रस्ताव रखा गया है कि संसदीय कार्य समाप्त हो गया है और अन्य कोई कार्य लंबित नहीं है अतः मैं सदन की कार्यवाही अनितश्चतकाल के लिए स्थगित करता हूं।
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सदन में क्या कुछ हुआ अब पूरी तरह से आपके सामने है। नीचे कमेंट बॉक्स भी है। यदि आपके पास भी इस विषय में कोई जानकारी तो दर्ज कराइए अपनी प्रतिक्रिया ताकि यह भी पता चल सके कि मध्यप्रदेश के विशेषज्ञ क्या राय रखते हैं इस विषय में।