भोपाल। अंतत: भाजपा ने कांग्रेस की सबसे कमजोर कड़ी कांतिलाल भूरिया को टारगेट पर ले ही लिया। भाजपा ने उत्तरांचल आपदा के संदर्भ में भूरिया से पांच सवाल किए हैं। सनद रहे कि मध्यप्रदेश कांग्रेस में दिग्विजय सिंह के बाद यदि कोई सबसे ज्यादा नुक्सानदायक नाम है तो कांतिलाल भूरिया ही है, जिन्हें कम से कम मध्यप्रदेश की जनता और कांग्रेस के कई नेता कतई स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजेन्द्र सिंह सिसोदिया ने उत्तरांचल की प्राकृतिक आपदा के समय कांग्रेस की संवेदनहीनता को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया से कुछ सवाल किये है। उन्होनें कहा कि देश की समस्याओं के प्रति कांग्रेस कितनी असंवेदनशील है इसका ज्वलंत उदाहरण उत्तराखंड में हुई प्राकृतिक आपदा के दौरान कांग्रेसनीत यूपीए सरकार और उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार द्वारा की गयी उपेक्षा जनचर्चा बन चुकी है।
उन्होनें कहा कि 16 जून को केदारनाथ धाम में हुए जल प्लावन में जहां लाखों तीर्थयात्री नदी, नालों, पहाड़ियों में फंस कर रहे थे, केन्द्र सरकार का आपदा निवारण महकमा बेखबर था, उत्तराखंड का प्रशासन हरकत में नहीं आया। मौसम की सूचना के बावजूद आपदा से निपटने की कोई कार्य योजना नहीं बना पाने से कांग्रेस सरकार की कार्य संस्कृति बेनकाब हो चुकी है।
इससे अधिक अफसोस की बात तो यह है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के सक्रिय होने के पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देहरादून पहुंचकर हरिद्वार में राहत शिविर आरंभ कर दिया, जहां सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं दीगर प्रदेशों के तीर्थ यात्रियों को भी शरण देकर उनकी व्यवस्था की गयी।
विजेन्द्र सिंह सिसोदिया ने मानवीय पीड़ा के दौरान कांग्रेस की लापरवाही पर अफसोस जताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया को पत्र लिखकर उनसे चंद सवाल पूछते हुए कहा कि
1. उत्तराखंड त्रासदी से जब तीर्थ यात्री ट्रेन और विमान से प्रदेश में लौटे तो जनता उनके स्वागत में तत्पर थी लेकिन कांग्रेस के किसी भी नेता ने उनका स्वागत कर कुशलक्षेम पूछने का कष्ट क्यों गंवारा नहीं किया।
2. प्रदेश के कई परिवारों के परिजन त्रासदी में दिवंगत हुए है उनके परिवारों को शोक संवेदना देने कांग्रेस के प्रमुख पांच नेताओं में से क्या किसी ने पहुंचकर मानवीय फर्ज अदा करने का कष्ट उठाया ?
3. सहायता के लिए सभी जुटे और धन सामग्री संग्रह की लेकिन क्या कांग्रेस ने ऐसा करके मानवीय कर्तव्य को पूरा किया ?
4. इसके बावजूद क्या कांग्रेस ने त्रासदी में काल कवलित हुए लोगों को शोक श्रृद्धाजंलि अर्पित करने के लिए कोई प्रयास किया ? कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में इतना तो किया जा सकता था।
उन्होन कहा कि राष्ट्र की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी होने का दावा करने वाली कांग्रेस ने प्राकृतिक आपदा में काल कवलित हुए तीर्थ यात्रियों की स्मृति में शोकसभा करने और मृतकों के परिवारों को सांत्वना के दो शब्द करने की सदाशयता तक नहीं दिखायी।
राहत और बचाव कार्य तो दूर रहा कांग्रेस ने मुख्यमंत्री की हरिद्वार यात्रा के मसरफ को समझनें के बजाय उस पर सियासत का मौका नहीं गंवाया। यह कांग्रेस का मानवीय पीड़ा के मौके पर मानवता के प्रति कू्रर मजाक था जिसकी सर्वत्र निंदा दी जा रही है।
नोट:- श्री सिसौदिया ने भूरिया से पांचवा सवाल क्या किया है, यह शायद गोपनीय रखा गया है, क्योंकि भाजपा के मीडिया सेंटर द्वारा ना तो सिसौदिया द्वारा भूरिया को लिखा गया पत्र मीडिया को भेजा और ना ही अपने प्रेस रिलीज में पांचवे सवाल का कोई जिक्र किया। अत: जनता का एक सवाल सिसौदिया से:—
क्या सचमुच भूरिया को कोई पत्र लिखा है या मीडिया सेंटर के वेतनभोगी प्रेसनोटिए पत्रकारों ने एक रिलीज इसलिए जारी कर दिया क्योंकि आज कोई मसाला नहीं था। संलग्न एक और सवाल यह भी कि उत्तराखंड आपदा के इतने दिनों बाद अचानक इस विषय की याद क्यों ताजा हो आई। अब तक किस जुगाड़ में जुटे हुए थे गुरू।