कैसे स्कूल चलें हम: जब सात सौ छात्राओं के लिए उपलब्ध हों सात कमरे

आशीष खन्ना/कालापीपल। कालापीपल का कन्या हायर सैकण्डरी स्कूल जो कि पूरे संकुल में एक ही कन्या स्कूल है जहां सात कमरों में बैठती है सात सौ से अधिक छात्रांए। कन्या हायर सेकण्डरी स्कुल की बैठक व्यवस्था सुधरने का नाम ही नही ले रही है एडमिशन के लिए लग रही लम्बी कतार फिर भी नही हो पा रहे एडमिशन।

कन्या हायर सेकण्डरी स्कुल में पढने वाली छात्राओं की परेशानी सरकारी दावों की पोल खोलती नजर आ रही है इस स्कूल में कुल सात कमरे है जबकि पढने वाली छात्राओं की संख्या सात सौ से भी अधिक है। ऐसे में एक कमरे में सौ से अधिक छात्रांए बैठने को मजबूर हैं। कागजों में मैटेनेंस तो हर साल होता है लेकिन वास्तविकता यह है कि भवन जीर्णशीर्ण अवस्था में और कई जगहों से इसमें पानी टपकता है। पीने के पानी की भी पर्याप्त व्यवस्था नही है। पानी कि टंकी से टोटी ही नदारद है साफ सफाई का भी आभाव है।

इसी प्रकार पिछले साल एक टेबल पर दो कि जगह पांच छात्राएं बैठने को मजबूरी थीं जिसके कारण 9 वी कक्षा में पढने वाली 300 छात्राओं में से 130 छात्रांए फेल हो गई। जगह के आभाव में ही प्राचार्य ने भी अब एडमिशन लेने में आनाकानी शुरू कर दी है इस पूरे मामले की जानकारी सम्बधिंत वरिष्ठ अधिकारीयों को भी है लेकिन उन्होने भी इस और कोई ठोस कदम नही उठाया है। जिसके कारण कई छात्राओं को पढाई छोड़कर घर बैठना पढेगा। अब देखना यह है कि शाजापुर प्रशासन इस दिशा में कोई कार्रवाई करता है या नही।

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