भोपाल। मप्र राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही मनरेगा (लोकपाल की नियुक्ति, शक्तियों एवं कर्त्तव्य) मप्र नियम-2013 ने अब कानून का रूप ले लिया है। इस कानून के विभिन्न अध्यायों में योजना के लोकपाल के अधिकारिता, पदावधि, स्वायत्तता, पारिश्रमिक, कार्यालय, तकनीकी तथा प्रशासनिक सहायताओं और उनकी शक्तियों तथा कर्त्तव्यों का उल्लेख है।
इसके साथ ही लोकपाल के समक्ष शिकायतें प्रस्तुत करने और उनके निपटारे की प्रक्रिया तथा अधिनिर्णय का प्रकाशन भी किया गया है। सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि मप्र राजपत्र में 28 जून, 2013 को प्रकाशन के साथ ही इस कानून के लागू हो जाने से अब मप्र लोकायुक्त एवं लोकायुक्त अधिनियम- 1991 के अधीन राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित संभागीय सतर्कता समिति के सदस्य इसके लोकपाल के रूप में कार्य करेंगे।
राज्य सरकार अपने अधिकारिता के एक या एक से अधिक जिलों के लिये संभागीय सतकर्ता समिति के सदस्य को योजना के पदेन लोकपाल के रूप में नियुक्त करेगी। योजना का लोकपाल राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार से स्वतंत्र होगा। कार्यालय संभागीय मुख्यालय पर संभागीय सतर्कता समिति के कार्यालय में होगा।