सीहोर। गुरुवार की शाम को विशेष न्यायाधीश श्री दिलीप कुमार मिश्र ने नगर सैनिक का अपहरण कर उसकी निर्ममतापूर्वक हत्या के दो आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है।
अभियोजन के अनुसार ग्राम कजलास निवासी नगर सैनिक विक्रम सिंह आत्मज भेरु सिंह का अपहरण कर उसकी हत्या का सनसनीखेज खुलासा 15 मार्च 2010 को हुआ था। विक्रमसिंह होमगार्ड में अपनी सेवा देता था पर जिस समय उसकी हत्या हुई थी उस समय वो नगर सैनिक नहीं था। विक्रम सिंह की पत्नी द्वारा जावर थाने में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी उसका पति लापता है उसके द्वारा उसके अपहरण की आशंका भी जताई गई थी। बाद में विक्रम सिंह का शव नसरुल्लागंज थाने के नीलकंठ के जंगल कछारी से बरामद किया गया था।
पुलिस द्वारा अपहरण और हत्या का मामला कायम कर जांच की जाकर इस मामले में रविकांत और चौखे लाल को गिरफ्तार किया था। इनके खिलाफ भादवि की धारा 302,34, 364,34 तथा धारा 201 के अंर्तगत प्रकरण कायम किया था। विशेष न्यायालय में अभियोजन की ओर से करीब 34 ग्वाहों का परीक्षण कराया गया। मौखिक साक्ष्य के अतिरिक्त वैज्ञानिक साक्ष्य कंकाल के
आधार मृत्यु का कारण, डीएनए के आधार पर मृतक की शिनाख्ती तथा आरोपियों के पास से जप्तशुदा वस्तुओं पर रक्त के धब्बों आदि के संबध में भी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। अभियोजन के प्रकरण के खंडन में चार गवाहों की साक्ष्य का न्यायालय द्वारा इंकार कर दिया गया और अभियोजन के प्रकरणों को सिद्ध पाते हुए अभियुक्तों को सजा सुनाई। दोनों आरोपियों को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास और एक हजार रुपए अर्थदंड, अपहरण के मामले में दस वर्ष का कारावास और एक हजार रुपए अर्थदंड तथा भादवि की धारा 201 में तीन वर्ष का कठोर कारावास और पाँच सौ रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।
अभियोजन के अनुसार आरोपियो ने पैसे के लेनदेन को लेकर नगर सैनिक विक्रम सिंह की हत्या की थी। बताया जाता है कि विक्रम सिंह द्वारा जादू टोने के माध्यम से रकम को दोगुना करने के नाम से आरोपियों से नकद राशि वसूली गई थी जब रकम दोगुना नहीं हुई थी उनके द्वारा रकम की मांग की गई, रकम वापस लेने के लिए आरोपियों द्वारा विक्रम सिंह का अपहरण किया गया पर जब बात नहीं बनी तो आरोपियों ने उसकी निर्ममतापूर्वक हत्या कर शव को नसरुल्लागंज के ग्राम नीलकंठ के जंगल कछारी में शव को फेंक दिया था।