उत्तराखंड आपदा में अनाथ हुए बच्चों का आजीवन भरण पोषण करेगी मध्यप्रदेश सरकार

भोपाल। उत्तराखण्ड की केदार घाटी में आई प्राकृतिक आपदा में मध्यप्रदेश के तीर्थ यात्रियों के अनाथ हुए बच्चों को राज्य सरकार ने पांच लाख की तात्कालिक मदद और आजीवन देखरेख करने की घोषणा की है।

जेट एयरवेज के चार्टर्ड विमान एवं राज्य सरकार के विमान से सोमवार को भोपाल 167 तीर्थ यात्रियों को लेकर आए प्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान ने ‘राजा भोज अंतर्राष्ट्रीय विमानतल’ पर संवाददाताओं से कहा कि उनके साथ ग्वालियर निवासी बालिका स्नेहलता एवं उसकी बहन आरूषि आई है, जिसने इस त्रासदी में अपने माता-पिता को खो दिया है।

उन्होंने कहा कि त्रासदी में अनाथ हुए सभी बच्चों को राज्य सरकार तात्कालिक मदद के बतौर पांच लाख रूपये देगी और आजीवन उनकी देखभाल का प्रबंध करेगी।


अभी भी 741 लापता

उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड की केदार घाटी में भारी बारिश और बाढ़ से हुई तबाही में प्रदेश के 741 तीर्थ यात्री अब तक लापता हैं, जिसमें से 593 की फोटोयुक्त सूची एक सीडी के रूप में उन्होंने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को सौंपी है।

शिवराज ने कहा कि उत्तराखण्ड की प्राकृतिक आपदा भोपाल गैस त्रासदी से भी बड़ी आपदा है, जिसमें कठिन परिस्थितियों का सामना प्रभावितों को करना पड़ा हैं. इसमें अब तक प्रदेश के 38 तीर्थयात्रियों के मारे जाने की सूचना है, जबकि राज्य सरकार ने किराये के विमान से अब तक प्रदेश के 1301 तीर्थ यात्रियों को भोपाल एवं इंदौर तक पहुंचाया है और चार हजार यात्रियों को बसों के जरिए पहुंचाया गया है।

उन्होंने बताया कि हरिद्वार स्थित शांतिकुंज में प्रदेश के राहत शिविर में 7204 लोगों के लिए चिकित्सा, ठहरने और भोजन आदि का प्रबंध किया गया है। राज्य सरकार के हेलीकॉप्टरों से प्रदेश के 292 और अन्य राज्यों के 247 लोगों को बचाया गया है, जबकि प्रदेश के 311 यात्री ट्रैकिंग कर ऊपर आए हैं।

जारी रहेंगे राहतकार्य, बदल दी जाएगी टीम

मुख्यमंत्री ने कहा कि शांतिकुंज के राहत शिविर को राज्य सरकार ने अभी जारी रखने का निर्णय लिया है, जिसमें प्रभावित लोगों के अलावा अपने परिजनों की खोज में गए प्रदेश के लोगों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि वहां प्रदेश के संस्कृति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के नेतृत्व में काम कर रही प्रदेश की टीम को तीन दिन बाद बदला जा रहा है, ताकि नई टीम नए जोश के साथ काम कर सके।

लापता लोगों के परिजनों को 50 हजार की मदद

चौहान ने कहा कि जीवन बीमा कंपनियों में लापता लोगों का बीमा दावा तय करने के लिए सात साल इंतजार करने का नियम है लेकिन राज्य सरकार एक सप्ताह बाद ही लापता लोगों के परिवारों को दो लाख रुपये देगी, जिसमें से पचास हजार रुपये तत्काल दिए जाएंगे।

उत्तराखंड में एक गांव गोद लेने की पेशकश

उन्होंने रविवार को देहरादून में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री बहुगुणा से मुलाकात के दौरान आग्रह किया है कि त्रासदी में लापता लोगों की खोज का अभियान सतत जारी रखा जाए. राज्य सरकार ने तबाही का दंश झेल रहे उत्तराखण्ड की सरकार से एक गांव गोद लेने की पेशकश की है, जिसके संपूर्ण नवनिर्माण की जिम्मेदारी हम लेंगे और उन्होंने उनसे मृतकों के परिवारों को तत्काल राहत राशि मुहैया कराने का आग्रह किया है.

यह पूछने पर केदारनाथ धाम के नवनिर्माण में राज्य सरकार अपना क्या योगदान देगी, मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी प्राथमिकता तो प्रभावितों को मदद पहुंचाने की है. मंदिर नवनिर्माण के बारे में संतों और महात्माओं को तय करना है. इसमें उनसे जो मदद कही जाएगी, वह जरूर करेंगे.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनकी क्या अपेक्षा है, इस प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि इस आपदा से निपटने को लेकर कोई दलगत आधार नहीं होना चाहिए. पूरा देश उदारता के साथ एकजुट होकर खड़ा है. केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करें.
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