वाशिंगटन। भारत के बिजली राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि भारत के बिजली क्षेत्र में अमेरिकी निवेश और सहयोग की काफी सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि निवेश के सम्भावित क्षेत्रों में पारेषण प्रौद्योगिकी, वृहदाकार पनबिजली परियोजना का विकास, कार्यक्षम बिजली उत्पादन, सुपरक्रिटिकल प्रौद्योगिकी का विकास, स्मार्ट ग्रीड और ऊर्जा कार्यक्षमता सुधार कार्यक्रम शामिल हैं।
अमेरिकी थिंकटैंक ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन के बुलावे पर यहां के संक्षिप्त दौरे पर पहुंचे सिंधिया ने कहा कि सरकारी विद्युत कम्पनियों की क्षमता को सुधारने के लिए 25 अरब डॉलर की वित्तीय पुनर्निर्माण योजना (एफआरपी) का लक्ष्य रखा गया है। "बिजली क्षेत्र के संदर्भ में भारतीय ऊर्जा सुरक्षा" विषय पर परिचर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि विभिन्न ऊर्जा सामथ्र्य उपायों की वजह से पांच सालों में 11,000 मेगावाट बिजली की बचत हुई है और अगले पांच साल में 12,000 गीगावाट बिजली बचाने का लक्ष्य रखा गया है।
भारतीय विद्युत क्षेत्र के विकास पर उन्होंने कहा कि भारतीय संदर्भ में यह और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत की ऊर्जा जरूरत को पूरा करने के अलावा इससे पूंजी निवेश भी बढता है, जिसकी वजह से समग्र विकास होता है। इसके पहले हार्वर्ड क्लब न्यूयार्क में भारत अमेरिका व्यापार परिषद की बैठक में सोमवार को सिंधिया ने यह आश्वासन दिया था कि बिजली के क्षेत्र में योग्य निवेशकों को आकर्षित करने के लिए संस्थागत ढांचा खडा किया जा रहा है।
- अमेरिकन न्यूज ऐजेंसी से जारी समाचार का हिन्दी ट्रांसलेशन