भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा का सत्र फिर से बुलाने की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की मांग के बीच गुरुवार को राज्यपाल रामनरेश यादव से अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने मुलाकात करअपना पक्ष रखा। श्री रोहाणी ने मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा कि राज्यपाल उनके तर्कों से पूरी तरह संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र फिर से बुलाने का कोई औचित्य नहीं है।
लगभग आधा घंटे की मुलाकात में अध्यक्ष ने लोकसभा उच्चत मन्यायालय और उच्च न्यायालय के विभिन्न फैसलों और व्यवस्थाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही के संबंध में अध्यक्ष का फैसला अंतिम होता है। उनके फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती है। श्री रोहाणी ने दोहराया कि राज्यपाल उनकी बातों से संतुष्ट हैं और दोबारा सत्र बुलाने की आवश्यकता नहीं है।
राज्य की तेरहवीं विधानसभा का अंतिम मानसून सत्र आठ जुलाई को प्रारंभ हुआ था और यह 19 जुलाई तक प्रस्तावित था। ग्यारह जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के मामले को लेकर सदन में हुए अभूतपूर्व घटनाक्रम के बीच श्री रोहाणी ने संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा के प्रस्ताव पर सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी थी। यह बात कांग्रेस को नागवार लगी और उसने फिर से सत्र बुलाने की मांग को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी राज्यपाल से मुलाकात की थी।
दूसरी ओर विपक्ष के नेता अजय सिंह ने गुरुवार को फिर राज्यपाल को एक पत्र सौंपा और अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा एवं वोटिंग से पहले सत्र समाप्त करना गलत है और फिर से सत्र बुलाया जाना चाहिए।
सनद रहे कि पिछले चार दिनों से राज्यपाल दिल्ली में थे और इस विषय में उन्होंने कांग्रेस में मौजूद कपिल सिब्बल सहित तमाम विशेषज्ञों से चर्चा की।