राधेश्याम मारू। चैन्नई में यूएफबीयू की मिटिंग में लिये गये निर्णय जिसमें सरकार की वर्तमान आर्थिक नीतियां, आर्थिक सुधारों के नाम पर सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका को कम कर उसे सीमित करने तथा निजी बैंकों को लाइसेंस देकर बैंकिंग उद्योग का निजीकरण करने का एक खतरनाक प्रयास किया जा रहा है।
इस संदर्भ में 19 जुलाई को बैंक कर्मी अखिल भारतीय दिवस के रूप में मनाकर सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों की रक्षा, नई बैंकिंग लायसेंस नीति का विरोध, बैंकों के विलय का विरोध इत्यादि नीतियों के खिलाफ एक जंगी प्रदर्शन करेगें।
मध्यप्रदेश बैंक एम्पलाईज एसोसिऐशन के सचिव सुरेन्द्र संघवी ने एक प्रेस नोट में बताया कि दिनांक 16 जुलाई को यूएफबीयू की स्थानीय ईकाई की एक मीटिंग संयोजक महेश प्रसाद मिश्रा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैंक के अधिकारी, कर्मचारी देना बैंक गांधी चैराहा मंदसौर के समक्ष सायंकाल प्रदर्शन कर विरोध करेगें।
कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु अध्यक्ष रमेश जैन, उपाध्यक्ष गजेन्द्र तिवारी, सचिव सुरेन्द्र संघवी, संगठन सचिव साष्टा, कोषाध्यक्ष जिनेन्द्र राठौर, कार्यालयीन सचिव कन्हैयालाल पारूण्डिया, प्रतीक कुमार, ओमप्रकाश, विपुल चैहान, सुश्री संतोष गुर्जर, सोनम गुप्ता, चेतना रत्नावत, प्रज्ञा जैन, कंचनबाई, निमेश पंजाबी, महेश भाले, विनोद सांवरिया, कैलाशचन्द्र मांझी, रमेश देवड़ा, अनिल जैन एवं अनेक बैंक कर्मियों के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु संकल्प लिया।