जबलपुर। पुलिस ने कहा कि मध्यप्रदेश के एक भाजपा नेता के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला का उस जगह पर कोई पता नहीं लगा है जो उसने अपनी शिकायत में अपने पते के रूप में लिखवाया था। वो लापता है और किसी अनहोनी की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
जबलपुर के पुलिस अधीक्षक हरिनारायण चारी मिश्रा ने बताया कि 2011 में की गई शिकायत में मध्यप्रदेश के भाजपा के संगठन महासचिव अरविंद मेनन पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग से भी संपर्क किया गया था।
उन्होंने कहा कि महिला ने अपनी शिकायत में जो पता दिया था, उस पर वह नहीं मिली। इसके बारे में रिपोर्ट तीन बार आयोग को भेजी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इस बात के भी सबूत नहीं मिले हैं कि क्या महिला शिकायत दर्ज करवाने के लिए ओमती पुलिस थाने गयी भी थी कि नहीं। इस बीच मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष नरेन्द्रसिंह तोमर ने भी अपने पार्टी सहयोगी के खिलाफ आरोपों को निराधार कहकर खारिज कर दिया।
सनद रहे कि इस मामले में पुलिस प्रशासन लगातार आरोपी भाजपा नेता के पक्ष में दलीलें देता रहा है एवं उसकी जांच पर भरोसा नहीं किया जा सकता। 8 जुलाई को भोपाल के प्रख्यात हिन्दी दैनिक अखबार पत्रिका ने इस बात का खुलासा किया है कि पुलिस लगातार मेनन का साथ दे रही है।
अब जब फाइलें दोबारा पलटी जा रहीं हैं तो बताया यह जा रहा है कि शिकायतकर्ता महिला अपने पते पर नहीं मिली वो लापता है। यहां इस संदेह के लिए पर्याप्त आधार उपलब्ध हैं कि कहीं पुलिस ने उसे कहीं छिपा तो नहीं दिया, या फिर उसके साथ कोई अनहोनी तो नहीं हो गई। यदि वो उस पते पर नहीं है तो वहां से कहां गई। जबलपुर पुलिस कोई प्राइमरी स्कूल की स्टूडेंट तो नहीं जो घर पर पूछकर लौट आए। यदि वो तलाशना चाहे तो देश का कोई भी कोना उसे छिपाकर नहीं रख सकता।
लेकिन यदि पुलिस ने ही उसे गायब करवा दिया हो तो...? आखिर मामला भाजपा के ताकतवर महामंत्री अरविंद मेनन का है।