मनीषा सिंह/भोपाल। संविदा शाला शिक्षक वर्ग 1 की पात्रता परीक्षा में व्यापम ने प्रश्नपत्र के नाम पर जो चुटकुलों का कागज थमाया था आज दिनांक तक उस मामले में कोई सर्वमान्य कार्रवाई नहीं हुई है। हम यहां वो गलत प्रश्न भी प्रकाशित कर रहे हैं जिन्हें एक सामान्य सा व्यक्ति भी पढ़कर हंस पढ़ेगा।
प्रश्न एवं उसके उत्तर निम्न हैः-
1) प्र0 क्र.115- स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है किसने कहा - का सही उत्तर बालगंगाधर तिलक ( क ) होता है, परंतु माडल आन्सर में आपशन ( । ) गोपालकृष्ण गोखले दिया है।
2) प्रश्न क्र्र.116- महात्मा गाधी द्वारा अपनाया गया सत्याग्रह का सिद्धान्त:- का सही उत्तर हिंसा को अहिंसा के द्वारा रोकने का हथियार ( क ) होता है , परंतु माडल आन्सर में आप्शन ( ठ ) लोगों की भागीदारी का तरीका दिया है ।
3) प्र. क्र. 135-राष्ट्र संघ की महासभा में सदस्य राष्ट्रों की संख्या है- 193 ( क ) सही है, माडल आन्सर के आप्शन में ( । )दिया है ।
4) प्रश्न क्र.140:- एक बढ़िया प्रशासक के काम के लिए किसका होना आवश्यक है: सही उत्तर ( । ) है माडल आन्सर के आप्शन में ( ठ )पत्रकार दिया गया है।
5) प्रष्न क्र.98:- मुख्यमंत्री होता है - सही उत्तर ( ठ )राज्य का मुखिया है, माडल आन्सर में ( । ) सरकार का मुखिया दिया है ।
6) प्रष्न क्र.59:- निम्न में से कौन अर्थशास्त्र से जुड़ा है, सही उत्तर एडम स्मिथ है, जबकि ( । ) है, माडल आन्सर में आप्शन( ठ ) कार्लमार्क्स दिया है ।
7) प्रश्न क्र.92:- लोकसभा में मनोनीत सदस्यों की गिनती है प्रश्न पूर्णतः गलत है, निरस्त किये जाने योग्य है, क्योंकि राज्यसभा 12 सदस्यों को मनोनीत करता है, जिसमें दो एंग्लो इंडियन है। लोकसभा में सदस्यों का मनोनयन ही नहीं होता। वहां निर्वाचित सदस्य जाते हैं।
8) प्र. क्र.116:— माक्र्सवाद के अनुसार इतिहास एक उपज है:- सहीं उत्तर ( क ) कोई भी नहीं है, माडल आन्सर में आप्शन ( ब )पदार्थ शक्ति दिया है।
आप ही बताइए कि इसे प्रश्नपत्र कहा जाना चाहिए या चुटकुलों की किताब। व्यापम जैसे कार्यकुशल परीक्षा संस्थान द्वारा किया गया यह मजाक जब शासन के ध्यान में लाया गया तो कार्रवाई के निर्देश जारी हुए लेकिन बस निर्देश ही जारी होकर रह गए। कार्रवाई कुछ नहीं हुई;
व्यापम लीपापोती कर रहा है और दशमलव 50 अंक पाने वालों को 1 अंक देकर मामले को निपटाने का प्रयास किया जा रहा है। सवाल यह उठता है कि इस तरह से जुगाड़ मार्किंग करने की जरूरत क्या है, जितने भी प्रश्न गलत हैं उन्हें विलोपित कर दीजिए। उनके पूर्णाक और प्राप्तांक सभी विलोपित कर दीजिए, 200 के बजाए 120 अधिकतम को आधार बनाइए। सीधा सा गणित समझ क्यों नहीं आ रहा।
मजेदार बात देखिए कि व्यापम ने 4 प्रश्न निरस्त भी किए और उसमें 4 की जगह 2 अंक दे दिए। व्यापम ने अपने आप तय कर लिया कि परीक्षा देने आए सभी लोग 50 प्रतिशत से ज्यादा योग्यता नहीं रखते। अभी तक आवेदन और निवेदनों का सिलसिला चल रहा था, क्योंकि भर्तियों में समय शेष था परंतु अब संविदा शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ होने जा रही है, यदि व्यापम ने न्यायोचित कार्रवाई नहीं की और इसी तरह एक गलती को छुपाने के लिए दूसरी बेवकूफी की जाती रही तो व्यापम के प्रबंधन को तैयार हो जाना चाहिए इसका कड़ा विरोध झेलने के लिए।
हम यहां बता दें कि इस मामले में व्यापम के खिलाफ लाबिंग शुरू हो गई है और प्रदेश भर के ऐसे योग्य छात्र जिनके साथ व्यापम ने इस तरह की ठगी कर डाली है, एक ओर न्यायालय तो दूसरी ओर राजधानी की सड़कों पर उतरने की तैयारियां कर रहे हैं।