भोपाल। छत्तीसगढ़ की जीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में नक्सली हमले के बाद कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर तीखे प्रहार किए हैं। जिसमें प्रदेश के नेताओं सहित कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह एवं मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया सबसे आगे रहे।
छग के सीएम डॉ. रमन सिंह के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी से नाराज छग के भाजपा नेता एवं प्रवक्ता एवं प्रदेश सचिव संजय श्रीवास्तव ने श्री भूरिया के खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजा है एवं 3 दिनों के भीतर बयान पर क्षमा याचना नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए श्री श्रीवास्तव ने कहा कि 25 मई को दरभा के जीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में हमला और 30 लोग शहीद हो गए, इसके बाद सवा माह तक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा। इन दोनों प्रमुख दल भाजपा एवं कांग्रेस ने गंभीरता से कहा कि इस मामले पर राजनीति न हो एवं नक्सलवाद के खिलाफ योजनाबध्द लड़ाई की बातें कही। लेकिन नीमच में श्री भूरिया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पर जो आरोप लगाए एवं टिप्पणी की, वह मर्यादित नहीं थी।
उन्होंने नक्सली हमले को राय सरकार की साजिश करार देते हुए कहा कि इस हमले की पूर्व जानकारी डॉ. रमन सिंह को थी और उनका नक्सलियों से सतत् सम्पर्क था। डॉ. सिंह हर कांग्रेस नेता को गोली लगने की जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह को दे रहे थे, वह सरासर गलत है। उन्होंने डॉ. सिंह को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग कर डाली।
डॉ. रमन ने नक्सली घटना को राष्ट्रविरोधी गतिविधि करार देते हुए इसमें किसी के भी हाथ होने से इंकार किया, जबकि कांग्रेस के ही कुछ बड़े नेता इस घटना में एक कांग्रेस विधायक सहित कुछ अन्य के शामिल होने की बातें करते नजर आए। जिसके बाद यह तथ्य भी सामने आया कि नक्सलियों की हिट लिस्ट में डॉ. रमन भी शामिल हैं। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह एवं चरणदास महंत ने भी डॉ. रमन पर आरोप लगाए।
भाजपा जानना चाहती है कि कांग्रेस नक्सलियों के साथ है या उनके खिलाफ, क्योंकि दिग्विजय नक्सलियों को आतंकवादी नहीं कहते एवं लादेन के लिए सम्मानजनक शब्दों का प्रयोग करते हैं। कांग्रेस नेता मुख्यमंत्री की छबि खराब करने अनर्गल बयानबाजी करते आ रहे हैं। जिससे उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हो। उन्होंने कहा कि भूरिया प्रकरण पर अपने वकील रमाकांत मिश्रा के माध्यम से उद्देश्यहीन आरोपों के लिए कानूनी रूप से मानहानि का नोटिस दिया गया है। अगर श्री भूरिया अपने बयानों के लिए क्षमायाचना नहीं करते तो इसे जानबूझकर किया गया कृत्य मानकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।