राजेश शुक्ला/अनूपपुर। जिला बनने के बाद जिले में बच्चों के खेलने के लिये मनोरंजन के साधन ना होने से यह बात सभी को खलती थी। इसके लिये कई लोगों ने प्रयास किया कि मुख्यालय में एक पार्क अच्छा सा हो जाये तो लोगों को सुकून से बैठने व बच्चों को मनोरंजन के लिये साधन हो जायेगा।
नगर के विकास के लिये हमेशा सक्रिय जिला के पत्रकारों ने इसके लिये तत्कालीन कलेक्टर कविन्द्र कियावत से मिलकर सामतपुर तालाब का जीर्णोद्धार कराकर इसे चौपाटी का रूप दिये जाने की बात कही।
जनसहयोग से सुंदर बना तालाब
तत्कालीन कलेक्टर कविन्द्र कियावत ने इसे जनभागीदारी से सामतपुर तालाब का गहरीकरण कराया। इतना ही नहीं वनविभाग के सहयोग से तालाब की मेढ़ पर वृक्षारोपण व विभागों की सहायता लेते हुये तालाब के चारोओर बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया। यह पूरा कार्य नगरपालिका के देखरेख में कराया गया, जिसमेें तालाब के चारोओर लाईटिंग कराई गई जिससे तालाब सुंदर दिखे। इसके बाद और अच्छा करने के उद्देश्य से एसईसीएल से साढ़े दस लाख रूपये स्वीकृत कराकर इसे सुंदर बनाने का प्रयास किया।
कलेक्टर ने किया शुभारंभ
इस तरह से इस तालाब पर गुरूवार से नौका विहार प्रारंभ कर दिया गया। कलेक्टर नंद कुमारम् की उपस्थिति में वोटों के माध्यम से जल विहार की सुविधा का शुभारंभ किया गया। शनिवार से यह सुविधा आम आदमी के लिए उपलब्ध हो जाएगी। जल विहार हेतु पैडल वाले नावों का उपयोग किया जाएगा। 20 मिनट तक जल विहार के लिए 30 रुपए का शुल्क रखा गया है। इस सुविधा के शुभारंभ के अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तेजस्वी एस. नायक, नगरपालिका के मुख्य नगरपालिका अधिकारी शशिशंकर सुहाने, प्रेमकुमार त्रिपाठी सहित नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
नेता रूपी ठेकेदारों के लालच की भेंट चढ़ा तालाब
यह तालाब नेतानुमा ठेकेदार की लालच की भेंट चढ़ गया। एसईसीएल द्वारा स्वीकृत साढ़े दस लाख रूपये का ठेका कॉलरी का ही एक नेतानुमा ठेकेदार ने इसका ठेका लेकर इसमें मात्र कुछ कुर्सिया और पथ का निर्माण ही कराया, बाकी राशि का कोई अता-पता नहीं है। इस तालाब में कलेक्टर जे.के. जैन ने भी रूचि दिखाई, जिसमें उन्होंने नगरपालिका अनूपपुर द्वारा इस तालाब के नाम पर कई लाख रूपये का हेर-फेर किया, जिसकी जांच श्री जैन ने कराई। जिसमें यह सही पाया गया कि तालाब में लगी लाईट खरीदी व उसी लाईट को दोबारा लगाकर पैसा निकाला गया, जिस पर उन्होंने नाराजगी दिखाते हुये इसकी जांच के आदेश दिये थे, किंतु यह मामला उन दिनों दब गया था। उनके जाने के बाद लाईट का भुगतान कर दिया गया।
फर्जी बिल में हुआ भुगतान
इन सब कार्य का ठेका नपा अध्यक्ष एवं सीएमओ ने इसे अपने चहेते ठेकेदार को बुलाकर उसके साथ इन कार्यो में बाजार मूल्य से अधिक राशि का बिल बनवाकर अपनी-अपनी जेबों में रख लिया। इतना ही नहीं इस तालाब के नाम पर नगरपालिका अनूपपुर ने फर्जी मिट्टी ढुलाई व तालाब में जेसीबी द्वारा मिट्टी निकालने का बिल लगाकर राशि आहरित की गई, परंतु इस तालाब का उद्धार नहीं हो पाया और ना ही नपा में बैठे जनप्रतिनिधि नगर के विकास व इस तालाब के विकास की सोच नहीं होने के कारण इसे लोग भुला दिये।
इसके बाद जिले में युवा कलेक्टर नंद कुमारम् ने जिले की बागडोर संभाली, इन्होंने जब देखा कि नगर में एैसा कोई स्थान नहीं जहां बच्चे खेल सके या बच्चों का मनोरंजन हो सके इसके लिये पत्रकार राजेश शिवहरे ने उन्हें छ.ग. के तखतपुर नगरपालिका का वह तालाब दिखाया, जिसे श्री कुमारम् ने पसंद किया और इसे माडल मानते हुये इस पर कुछ करने की ठानी। जिसकी शुरूआत उन्होंने नौका विहार प्रारंभ करवाकर की।
शुभारंभ को रखा गया गोपनीय
इस शुभारंभ को नगरपालिका ने इतना गोपनीय रखा कि इस आयोजन में पत्रकारों को आमंत्रित ही नहीं किया गया। जबकि इस तालाब की रूपरेखा तैयार करने में पत्रकारों ने अपनी अहम भूमिका निभाई थी। इस आयोजन में नपा ने उन कुछ चुनिंदा पत्रकारों को ही याद किया जो उनकी पोल कलेक्टर के सामने न खोल सके। जब इस संबंध में नपा के मुख्य नपा अधिकारी शशि शंकर सुहाने से जानना चाहा तो उन्होंने इस बात से साफ इंकार कर दिया कि हमने कोई आयोजन नहीं किया।
जब उन्हें याद दिलाया गया कि कुछ अपने पत्रकारों को फोन द्वारा बुलाया गया था तो इससे वो मुकर गये। जबकि इस आयोजन को हर्षउल्लास से मनाया जाता तो लोगों को इसकी जानकारी होती और लोगों में उत्साह होता कि नगर में नई सौगात मिली है, किंतु नपा के अधिकारियों ने इस तरह के रवैये से जहां पत्रकारों में रोश है वहीं इस बात की शिकायत कलेक्टर से भी की गई है। यहां यह बात सटीक बैठती है कि चोर की दाढ़ी में तिनका वाली कहावत सच होती दिख रही है।