बालाघाट (पद्मेश)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा 24 घंटे बिजली देने की झूठी घोषणा एवं जनता के साथ विश्वासघात के विरोध में क्रांतिकारी जनता पार्टी ने आज जिला मुख्यालय में जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार क्रांजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद कंकर मुंजारे के नेतृत्व में तीन सैकड़ा से अधिक लोग शिवराजसिंह चौहान के खिलाफ नारेबाजी करते हुये रैली के रूप में कोतवाली थाना पहुंचे जहां उन्होने मुख्यमंत्री के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज करने राज्यपाल के नाम पुलिस प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। इसके पश्चात वे बस स्टैण्ड पहुंचे जहां उन्होने आमसभा कर प्रदेश सरकार की स्वामियों को जनता के सामने गिनाई।
आमसभा पश्चात वे नारेबाजी करते हुये जिला जेल पहुंचे, जहां पूर्व सांसद कंकर मुंजारे, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती अनुभा मुंजारे, क्रांजपा जिलाध्यक्ष सजनलाल कावरे सहित करीब तीन सैकड़ा लोगों ने एसडीएम आर.सी.राहंगडाले के समक्ष गिरफ्तारी दी। पुलिस प्रशासन द्वारा धारा 151 के तहत सभी की सामूहिक गिरफ्तारी लेकर मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
विदित हो कि क्रांजपा द्वारा आज रैली राममनोहर लोहिया चौक से निकाली गई, जो सर्वप्रथम कोतवाली थाना पहुंची, जहां उन्होने एसडीएम आर.सी.राहंगडाले, सीएसपी गजेन्द्र सिंह वर्धमान और तहसीलदार जी.सी.डहेरिया के समक्ष मुख्यमंत्री के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। इसके पश्चात बस स्टैण्ड में हुई आमसभा में पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने प्रदेश सरकार की खामिया गिनाते हुए कहा कि १३ अप्रैल को भारी भरकम इंतेजाम और करोड़ो रूपये की राशि खर्च कर २४ घंटे बिजली देने की झूठी घोषणा कर चले गये, इस घोषणा पर जरा भी अमल नहीं हो रहा है, बल्कि घोषणा के बाद से सम्पूर्ण जिले में पहले से भी बदत्तर स्थिति में विद्युत व्यवस्था पहुंच गई है।
यह जनता की भावना के साथ विश्वासघात ही है और इसको लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान के विरूद्ध भी जनता के साथ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज होना चाहिये। यह बहुत गंभीर मुद्दा होने के बाद भी सरकार खामोश है। उन्होने कहा कि भाजपा की चाल, चरित्र और चेहरा सब बेनकाब हो गया है। प्रदेश की भाजपा सरकार के वित्तमंत्री राघवजी द्वारा ऐसा कृत्य किया गया है कि जनता को अब अपने बच्चो को भाजपा से बचाने की आवश्यकता है। श्री मुंजारे ने चिकित्सा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करते हुये कहा कि ऐसे कई डाक्टर है जो हजारों रूपयों की तनख्वाह प्रतिमाह लेते है, लेकिन जिला अस्पताल में कोई गरीब मरीज भी अगर कही से गंभीरावस्था में पहुंचे तो अपनी जवाबदारी से बचने मरीज का उपचार न करते हुये मेडीकल कालेजो के लिये रिफर कर दिया जाता है।
इसके कारण मरीज सहित उनके परिजनों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह भी कहा कि सरकारी डाक्टरों से अपने घरो में अस्पताल खोलने का नियम है लेकिन जिला मुख्यालय के प्रमुख सरकारी डाक्टरों को देखे की सच्चाई सामने आ जायेगी कि उनके द्वारा किस तरह अपने घरों में अस्पताल चलाया जा रहा है। पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती अनुभा मुंजारे ने भी प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरते हुये कहा कि इस सरकार की मनमानी के चलते जनता का जीना मुश्किल हो गया है। भाजपा के पाप का घड़ा भर गया है, जो नवम्बर में फूटने वाला है। जनता अब इनके लोक लुभावनी बातों में नहीं आने वाली है। उन्होने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने जनता को गुमराह करने की दो योजना प्रारंभ की है इनमें अटल ज्योति अभियान और अन्नपूर्णा योजना शामिल है।
मुख्यमंत्री अगर खुद को सपनों का सौदागर कहते है तो जनता के सपने पूरे करे। जिला जेल पहुंचे सैकड़ो लोग पूर्व सांसद कंकर मुंजारे के नेतृत्व में सैकड़ो क्रांजपाई नारेबाजी करते हुये जिला जेल पहुंचे। यहां क्रांजपाईयो के आगमन को लेकर जिला पंचायत के समक्ष स्थित जिला जेल का प्रवेश द्वार बंद कर दिया गया था। मौजूद भीड़ और क्रांजपाईयों के आक्रोश को देखते हुये एसडीएम के कहने पर जेल परिसर में प्रवेश दिया गया, जहां बारी बारी सभी ने सामूहिक रूप से अपनी गिरफ्तारी दी, जिन्हे सामूहिक मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
मुचलके पर रिहा कर दिया गया-एसडीएम एसडीएम आर.सी.राहंगडाले ने कहा कि २४ घंटे बिजली नहीं देने के मामले में अपने निर्धारित जेल चलो कार्यक्रम के तहत लोग पहुंचे थे जिसकी गिरफ्तारी लेकर मुचलके पर रिहा कर दिया गया है। लोगों का कहना था कि मुख्यमंत्री द्वारा झूठी घोषणा कर जनता के विश्वास के साथ धोखाधड़ी की गई है। ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे सभी-वर्धमान कोतवाली थाने में मौजूद सीएसपी गजेन्द्र सिंह वर्धमान ने कहा कि २४ घंटे बिजली प्रदान करने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा किये जाने के बाद भी बिजली नहीं देने को लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने पूर्व सांसद कंकर मुंजारे द्वारा ज्ञापन सौंपा गया है। अपराध दर्ज होना या नहीं इस बारे में इस पूरे विषय की जांच पश्चात ही कुछ कहा जा सकता है।