अटेर(भिंड)। अटेर क्षेत्र के सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन का लाभ नहीं मिल रहा है। इससे स्कूलों में बच्चों की संख्या भी कम देखने को मिल रही है। वहीं स्व-सहायता समूह वालों का कहना है कि उन्हें मध्याह्न भोजन बनाने के लिए उन्हें जिला पंचायत राशन उपलब्ध नहीं करा रही है। जिसकी वजह से मध्याह्न भोजन योजना बंद है।
400 स्कूल हैं क्षेत्र में
अटेर क्षेत्र में करीब 400 प्राइमरी और मिडिल स्कूल हैं। जिनमें हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। लेकिन इनमें से एक भी स्कूल में मध्याह्न भोजन का वितरण नहीं किया जा रहा है। जिससे इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है। बच्चों का कहना है कि उन्हें अब तक एक दिन भी भोजन नहीं दिया गया है।
इसलिए बंद है मध्याह्न भोजन
अटेर में स्व-सहायता समूह चलाने वालों का कहना है कि उन्हें जिला पंचायत से भोजन बनाए जाने के लिए सामग्री नहीं दी गई है। इस वजह से वे स्कूलों में भोजन का वितरण नहीं करा रहे हैं। स्व-सहायता समूह अध्यक्ष रेखा देवी और शिवकुमार कहते हैं कि जब उन्हें राशन या पैसा नहीं मिलेगा तो वे बच्चों को आखिर भोजन कैसे देंगे।
भोजन नहीं बंटने से यह समस्या
मध्याह्न भोजन नहीं बनने से स्कूलों में कम संख्या में बच्चे आ रहे हैं।
स्कूलों में भोजन का वितरण नहीं होने से बच्चे समय से पहले ही स्कूल से भाग जाते हैं।
कैसे होगा भोजन का वितरण
अटेर के प्रतापपुरा और जम्हौरा में स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष और सचिव सुनीता देवी, शरदा देवी, मीना देवी, ममता देवी, अनीता, जायदा बेगम आदि का कहना है कि जब भोजन बनाने के लिए पैसा और राशन नहीं दिया जाएगा तो फिर भोजन का वितरण कैसे होगा। उनका कहना है कि समय पर सामग्री उपलब्ध कराई जाए तो फिर मध्याह्न भोजन की व्यवस्था बिना किसी व्यवधान के संचालित हो सकती है, लेकिन जब सामग्री नहीं होगी तो भोजन वितरण करने में परेशानी आती है।
