कैसा रहा शिक्षाकर्मी से अध्यापक तक 17 सालों का सफर

मनोज मराठे। 17वर्ष पूर्व कांग्रेस सरकार के काले राज में जहां न तो सड़के थी, न बिजली और तो और उस समय पूरे प्रदेष में भंयकर अंधकार ही अंधकार. उसी दौरान तात्कालीन दिग्विजय सरकार ने पूरे प्रदेश में देश से हटकर संवैधानिक प्रावधानों के विरूद्ध शिक्षकों की कमी को दूर करने के नाम पर महज 500 रूपये प्रतिमाह में शिक्षाकर्मियों के नाम से शिक्षकों की भर्ती की
प्रदेश के होनहार डी.एड., बी.एड. व प्रथम श्रैणी उत्तीर्ण लाखों डिग्रीधारी बैरोजगारों ने यह सोचकर इन पदों पर सेवा दी कि आज नही तो कल सरकारी नौकरी है नियमित हो ही जावेगे पर दिग्गि राजा ने प्रदेश का जो भंटाडार किया कि प्रदेश के कर्मचारीयों को नियमित वेतन के लाले पड़ गये, सरकार ओवर ड्राफ्ट हो गई, परिणाम, अधिकांश कर्मचारी, किसान व आम-जन कांग्रेस के विरोध में हो गये और भा.ज.पा. को प्रदेष की जनता ने सत्ता सौपी।

फिर अनेक बार षिक्षाकर्मियां का मुद्दा प्रदेष सरकार के सामने छाया रहा अनेक अंदोलन हुये इन्ही के चलते वेतन दोगुना भी हुआ पर प्रदेष के मुख्यमंत्री का दाईत्व जब से षिवराज सिंह के हाथों में आया तब से धीरे-धीरे स्थिति सुधरने लगी जंहा दिग्गि के राज में सरकार ओवर ड्राफ्ट थी तो अब चालु वर्ष में प्रदेष सरकार का बजट 1 लाख हजार करोड़ से अधिक का पेष हुआ तो अध्यापकों के वेतन में सुधार और कर्मियों से अध्यापक बनाने का श्रैय भी षिवराज सरकार को ही है, परंतु समान कार्य समान वेतन को लेकर अध्यापक और सरकार के बीच तनाव रहा परिणाम स्वरूप एक लम्बी हड़ताल मध्यप्रदेष व छŸाीसगढ़ में चली। छŸाीसगढ सरकार ने इस बीच समान कार्य समान वेतन वरिष्ठ अध्यापकों को प्राचार्य के पदों पर प्रमोषन दे दिया गया और दुसरी और मध्यप्रदेष सरकार अध्यापकों को हड़ताल समाप्ती पर वार्ता करने की शर्त रखी जिसके चलते मुख्यमंत्री के वार्ता की शर्त पर अध्यापक संयुक्त मोर्चे के प्रदेष प्रमुख जो हड़ताल के दौरान अनषन के चलते काफी अस्वस्थ हालत में अस्पताल में भर्ती सरकार द्वारा करवा दिये गये श्री मुरलीधर पाटीदार ने हड़ताल स्थगित कर दी इसके बाद सरकार के पी.एस. मनोज श्रीवास्तव व मुरलीधर पाटीदार के बीच सकारात्मक व नकारात्मक वार्ताओं का दौर असफल रहा तो दुसरी और का हड़ताल विरोध करने वाले संविदा षिक्षक संघ ने भी मौका देखकर सरकार हमसे वार्ता कर समान कार्य समान वेतन देगी पर उसके वादें भी खोखलें रहे। जहंा संविदा संघ ने हड़ताल विरोध किया वही लाखों संविदा षिक्षकों ने हड़ताल पर रहकर अपना वेतन कटवाया जो वास्तव में बधाई के पात्र है इस बीच मुख्यमंत्री ने 2 माह तक लगातार कहंा की हम शीघ्र ही छŸाीसगढ से अच्छा वेतन देगे और छिंदवाड़ा में अध्यापकों से समान कार्य समान वेतन गुरू पूर्णीमा पर देने की बात कही जिस पर मोर्चे के मुरलीधर पाटीदार ने सरकार को चेतावनी दी की शीघ्र घोषणा करे या फिर जुलाई से हम विघालयों में तालाबंदी की घोषणा कर देगे। इसी के चलते झाबुआ आमसभा में माननीय मुख्यमंत्री ने गुरू पूर्णीमा पर समान कार्य समान वेतन किस्तों में देने की सैद्धांतिक घोषणा की व विधिवत घोषणा 22 जुलाई 2013, गुरू पूर्णीमा पर करने की घोषणा करने का कहंा आज गुरू पूर्णीमा है और सभी अध्यापकों की निगाहे, दिलों-दिमाग परिवार सहित मुख्यमंत्री षिवराज सिंह द्वारा की जाने घोषणा पर है 17 वर्षों से तो कोई 10 व 5 वर्षों से ढंग से दिवाली कम वेतन के कारण नही बना पाया पर आज घोषणा होती है तो पूरे प्रदेष में मिठाईयां बाँट कर फटाखे फोड़ अपने घरों पर दिये जलाकर दिवाली मनायेगे नही तो तालाबंदी घ्
   
समय वेतनमान का गणित भी लगा लिया अध्यापक पंड़ितों ने -
इस बीच श्री मराठे ने बताया कि सरकार के गलियारों से घुम-फिरकर आये अनेक अध्यापक भाईयों व पंड़ितों ने समय वेतनमान का गुणा लगाकर फेसबुक व ेउे के माध्यम से बताना शुरू कर दिया इन पंड़ितों का मानना है कि 1998 से अध्यापकों के समय वेतनमान की गणना होगी जो इस प्रकार है श्री मराठे ने बताया कि सरकार यदि 1998 से समान कार्य समान वेतन की काल्पनिक गणना गुरू पूर्णीमा की घोषणा के बाद वरिष्ठ अध्यापकों का पे -स्केल 9300-34800 ग्रेड पे-3600 व 80ः डी.ए.3से10ः एच. आर. व 98 से नियुक्त वरिष्ठ अध्यापकों का वेतन 37800 व 2001-02का 33588, 2003-04 का 32004, 2006-07 का 30672 तथा 2008-09 मे नियुक्त हुये वरिष्ठ अध्यापकों का वेतन 28890 बताया जा रहा है यह कुल वेतन होगा किंतु कब से व कितनी किस्तों में यह खुलासा शासन के आदेष देने के बाद होगा। इसी तरह अध्यापक वर्ग-2 की वेतन 1998 से समान कार्य समान वेतन की काल्पनिक गणना गुरू पूर्णीमा की घोषणा के बाद अध्यापकों का पे -स्केल 9300-34800 ग्रेड पे-3200 व 80ः डी.ए.3से10ः एच. आर. व 98 से नियुक्त अध्यापकों का वेतन 33660 व 2001-02का 30222, 2003-04 का 28980, 2006-07 का 27720 तथा 2008-09 मे नियुक्त हुये अध्यापकों का वेतन 26118 होने की संभावना जताई जा रही है।यह कुल वेतन होगा किंतु कब से व कितनी किस्तों में यह खुलासा शासन के आदेष देने के बाद होगा। इसी तरह सहायक अध्यापक वर्ग-3 की वेतन 1998 से समान कार्य समान वेतन की काल्पनिक गणना गुरू पूर्णीमा की घोषणा के बाद सहायक अध्यापकों का पे -स्केल 5200-20200 ग्रेड पे-2400 व 80ः डी.ए.3से10ः एच. आर. व 98 से नियुक्त सहायक अध्यापकों का वेतन 26928 व 2001-02का 23472, 2003-04 का 22680, 2006-07 का 21870 तथा 2008-09 मे नियुक्त हुये सहायक अध्यापकों का वेतन 20592 होने की संभावना जताई जा रही है।यह कुल वेतन होगा किंतु कब से व कितनी किस्तों में यह खुलासा शासन के आदेष देने के ही बाद होगा। इस तरह अध्यापकों को एक नियमित विभाग में सम्मिलित करने के लिये केबिनेट की मंजुरी से षिवराज सरकार ने राज्य षिक्षा सेवा विभाग के गठन की घोषणा कर दी अब अध्यापक उसी विभाग के कर्मचारी होने के साथ पूरा छठा वेतनमान प्राप्त करेगे। छठवे वेतनमान का फार्मूला नही।

मनोज मराठे,
अध्यापक संरक्षक, संयुक्त र्मोचा-
9826699484



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