भोपाल। लिपिकों की हड़ताल से परेशान शासन-प्रशासन पर अब नई मुसीबत आने वाली है। इन दिनों अपनी मांग को लेकर काली पट्टी लगाकर विरोध जता रहे प्राचार्य और व्याख्याता 15 जुलाई से अनिश्चितकालीन काम बंद हड़ताल पर जाने वाले हैं।
हड़ताल की तैयारी में मप्र शालेय प्राचार्य एवं व्याख्याता संघ लगा है। यदि ऐसा होता है तो नए शैक्षणिक सत्र में शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होगी। मप्र शालेय प्राचार्य एवं व्याख्याता संघ समयमान-वेतनमान सहित सात सूत्रीय मांगों को लेकर तीसरे चरण का आंदोलन कर रहा है। इसके तहत काली पट्टी लगाकर प्राचार्य-व्याख्याता काम कर रहे हैं।
चौथे चरण में 15 जुलाई तक यदि मांग पूरी नहीं होती तो प्रदेश के सभी प्राचार्य और व्याख्याता अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले जाएंगे। संघ के दमोह जिला अध्यक्ष जयसिंह ठाकुर ने बताया कि अभी केवल हम शासन के पास अपनी मांगे शांतिपूर्ण ढंग से पहुंचा रहे हैं। यदि मांग पूरी नहीं होती है तो प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं।
बीलमपुर जिला दमोह स्कूल के प्राचार्य अनिल कुमार जैन का कहना है कि समयमान-वेतनमान के तहत उनकी जो मांग है उसके अनुसार पहली पदोन्नति 8वें वर्ष में दी जानी चाहिए। दूसरी पदोन्नति 16वें वर्ष में और तीसरी पदोन्नति 24वें वर्ष में दी जानी चाहिए, जो अभी तक उन्हें नहीं मिल रही है।