भोपाल। अपनी मांगों को लेकर राज्य के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर 10 जुलाई को अवकाश पर रहेंगे। भोपाल संभाग के डॉक्टर इस दिन विधानसभा पर प्रदर्शन करेंगे। इनकी मांग है कि प्रमुख सचिव स्वास्थ्य द्वारा निलंबित किए गए डॉक्टरों को तत्काल बहाल किया जाए।
साथ ही डॉक्टरों को चार स्तरीय वेतनमान का लाभ नियुक्ति की तिथि से दिया जाए। इन मांगों को लेकर मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ ने 28 सदस्यीय चिकित्सा अधिकारी संघर्ष सहयोग समिति का गठन किया है।
समिति के संयोजक डॉ. पद्माकर त्रिपाठी ने बताया कि प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रवीर कृष्ण ने अस्पतालों का निरीक्षण कर बिना कारण डॉक्टरों को अपमानित कर निलंबित किया है। इनके निलंबन का आधार अस्पताल में मरीजों की संख्या कम होना, अस्पताल में गंदगी आदि को बनाया गया है, जबकि यह काम नगरीय निकाय व पीडब्ल्यूडी का है।
इसके अलावा राज्य सरकार ने डॉक्टरों को नियुक्ति दिनांक से चार स्तरीय वेतनमान देने का आदेश जारी करने के बाद वापस ले लिया। अब वित्त विभाग सरकारी अस्पतालों के करीब 2,600 डॉक्टरों से इसकी रिकवरी कर रहा है। बकौल डॉ. त्रिपाठी मजबूरन डॉक्टरों ने आंदोलन का निर्णय लिया है। डॉक्टर 10 जुलाई को एक दिन का सामूहिक अवकाश लेकर काम का बहिष्कार करेंगे। इससे पहले डॉक्टर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे।