भोपाल। मध्यप्रदेश भर के तमाम पत्रकारों के लिए सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल रिपोर्ट छापने का सबसे सही समय आज या कल ही है। विश्व स्वास्थ संगठन के अधिकारियों का दल मध्यप्रदेश के दौरे पर है तो वहीं डीएमई का भी दौरा इस सप्ताह में होना है। ऐसे में यदि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की असलियत सामने आई तो....। इधर शासन ने अस्पताल अधीक्षकों को निर्देश जारी किए हैं कि वो कोई ऐसा काम ना करें जिससे हंगामा हो।
इस आशय के निर्देश प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों का दिए गए हैं। हालांकि डीएमई केवल मेडिकल कॉलेज और एमवाय अस्पताल का निरीक्षण करेंगे। बाकी दिनों में जो हो सो हो, बस सात दिन तक कोई हंगामा नहीं होना चाहिए। इन सात दिनों में हुए हंगामे से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल भारत के बाहर भी खुल जाएगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का दल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का निरीक्षण करने आया हुआ है। यदि इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव रही तो प्रदेश को कई अन्य योजनाओं के लिए पैसा मिल सकता है, लेकिन यदि रिर्पोट में गड़बड़ी पाई गई तो प्रदेश को पहले मंजूर लोन की किस्तें भी रोकी जा सकती है। इसलिए इन दिनों सभी अस्पतालों में डॉक्टर भी समय पर पहुंच रहे हैं और काम भी पूरे नियम कानून से करने की कोशिश हो रही है।
एमवाय पर दोगुना दबाव
इन्दौर के एमवाय अस्पताल पर तो दुगुना दबाव है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ यहां डीएमई का दौरा भी प्रस्तावित है, इसलिए यहां व्यवस्थाओं पर सबसे ज्यादा गंभीरता दिखाई दे रही है।
सभी अस्पतालों में साफ-सफाई के साथ सभी डॉक्टरों और स्टॉफ को समय पर आने व पूरे समय अपनी ड्यूटी पर रहने के निर्देश कठोर कार्यवाही करने की चेतावनी के साथ दिए गए हैं। इतना ही नहीं अधीक्षक रोजाना अस्पताल के अलग अलग विभागों में अप्रत्याशित निरीक्षण भी कर रहे हैं।
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