'चलती चक्की' के शिवराज, पहुंचे आडवाणी के द्वार

लावारिस शहर@उपदेश अवस्थी'चलती चक्की' के शिवराज कल गोवा में नरेन्द्र मोदी का स्वागत कर रहे थे, आज आडवानी के द्वार पर उन्हें मनाने के लिए खड़े हैं। नंबर कहां घटेंगे और कहां बढ़ेंगे अब तो शायद उन्हें भी नहीं पता। आडवाणी जी के इस्तीफे ने बहुत सारे केल्कुलेशन गड़बड़ा दिए हैं। अपने शिवराज जी भी इसी सूची में शामिल हैं।

हालांकि यह चक्की तो बहुत पहले से ही चल रही है और इसमें कई नेता फंसे हैं, लेकिन यह चक्की तेज तब हुई जब ग्वालियर में भाजपा के कृष्ण ने शिवराज को अर्जुन बनाने की कोशिश की। दूसरे पाटे का दवाब आया तो कृष्ण के लाल अर्जुन ने यूटर्न ले लिया और खुद को नंबर 3 बता डाला।

बात यहीं नहीं रुकी। कृष्ण अपने मिशन में लगे रहे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गुपचुप बहिष्कार प्लान किया, खुद अमल भी किया, लेकिन अर्जुन उड़ते हुए गोवा जा पहुंचे। दूसरे पाट का दवाब देखिए कि ना केवल गोवा पहुंचे बल्कि मोदी का स्वागत भी किया और ना केवल स्वागत किया बल्कि नागपुरियों को यह बताने के लिए कि स्वागत किया गया है, अखबारों में स्वागत की फोटो भी जारी कीं।

अब किसे क्या पता था कि इधर भाजपा के कृष्ण 'लाल' हो जाएंगे और अपना सुदर्शन ही छोड़ देंगे, लेकिन उन्होंने छोड़ दिया। मैदान से हटने की घोषणा करके खुद महाभारत में उतर आए। फिर संकट में आ घिरे 'अर्जुन' भोपाल के भौंरी में जब पत्रकारों ने प्रतिक्रिया मांगी तो इशारा कर दिया कि दूसरी बार आग्रह मत करना नहीं तो जनसंपर्क संचालनालय को बता दूंगा। सब चुप हो गए। क्या करें पापी पेट का सवाल था।

मीडिया से छुपकर धीरे से उड़ लिए इन्द्रप्रस्थ की ओर अपेन कृष्ण को मनाने के लिए कि गुस्सा थूक दो नहीं तो हम बस नाम के ही लाल बने रहो, सचमुच में लालपीले मत हो, नहीं तो खुद तो.... हम भी....। देखते हैं आडवाणी के बंगले पर आज क्या होता है। वो माने ना मानें, कम से कम गुरुभाईयों की आपातकालीन गोपनीय मीटिंग तो हो ही जाएगी।

Hint: चलती चक्की देख के, दिया कबीरा रोये |. दो पाटन के बीच मेंसाबुत बचा न कोए ||

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!