भोपाल। प्रदेश में अध्यापको के आन्दोलन की सुगबुगाहट अब बड़े शोर के रूप में सामने आ रही है। अध्यापक कोर कमेटी ने आंदोलन की पहल की तो पीछे पीछे मुरलीधर पाटीदार ने भी 15 जून से आंदोलन की घोषणा कर डाली।
अध्यापक कोर कमेटी का दावा है कि अध्यापको ने प्रदेश के किसी भी बड़े नेता को उसके दायरे समेट कर अध्यापक कोर कमेटी के साथ आन्दोलन करने का मन बना लिया है। 9 जुन को भोपाल के नीलम पार्क में होने वाली पहली सामन्जस्य बैठक की अध्यापक कोर कमेटी की घोषणा के बाद तत्काल अध्यापको के प्रांतिय नेता मुरलीधर पाटीदार ने 15 जुन से आन्दोलन किये जाने की धमकी सरकार को अपने फेसबुक पर दे डाली है। जिसमें उन्होने लिखा है कि इस बार का आन्दोलन ऐसा होगा कि जिसकी कल्पना किसी ने नही की होगी।
माना जा रहा है कि पाटीदार ने अध्यापक कोर कमेटी को प्रभावित करने के उददेश्य से ये ताबड़तोड़ फैसला लिया है। प्रदेश के अध्यापको ने इसी पोस्ट पर जाकर नहले पर देहला मारा है और अपनी राय पाटीदार के सामने भी स्पष्ट कर दी है कि वे इस बार का आन्दोलन अध्यापक कोर कमेटी के माध्यम से करेंगे।
अध्यापक कोर कमेटी का कहना है कि यह गुरूजियों संविदा अध्यापक एवं अध्यापक सहित अतिथि शिक्षकों का एक सामुहिक संगठन है जो कि सरकार के सामने अपना वर्चस्व साबित करने की स्थिती में है। कोर कमेटी के आन्दोलन की घोषणा के बाद से ही प्रदेश भर में अध्यापको में जहां एक और खुशी के साथ आशा की किरण दिखाई दी है। वही प्रदेश में अध्यापको की राजनीति करने वालो के चेहरो पर भी अपना वजूद बनाए रखने की चिंता साफ दिखाई देने लगी है।
अन्दरूनी स्तर पर सरकार भी इस संगठित समुह के भविष्यगामी दुष्परिणामो को भांप चुकी है। शायद इसी वजह से सम्भावना जताई जा रही है कि सरकार एक सप्ताह में कोई बड़े फैसले लेकर अध्यापको के इस विरोध को यही पर विराम दे सकती है।
कोर कमेटी का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छतरपुर में अध्यापको को भी कुछ इसी तरह के संकेत दिये है। बहरहाल सरकार क्या निर्णय लेती है ये तो कुछ दिनों बाद स्पष्ट हो पाएगा। मगर जो बात आज साफ हो गई है वो ये कि प्रदेश का आम अध्यापक, अध्यापक कोर कमेटी को प्रदेश के अग्रणी संगठन के रूप में अध्यापक स्वीकार कर चुका है वही इसके बाद से प्रदेश के बड़े नेता कहे जाने वाले बेकफुट पर चले गए हैं।