हुई शिकायत तो कैंसिल कर दिया सीएम का जेट विमान

भोपाल। हरीश दिवेकर@जागरण। लोकायुक्त की जांच के खौफ से घबराए विमानन विभाग ने जेट विमान को किराए पर लेने से तौबा कर ली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कम समय में ज्यादा से ज्यादा स्थानों पर पहुंचाने की गरज से जेट को किराए पर लेने का ताना-बाना बुना गया था।

इसके लिए बकायदा एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट [इओआई] भी जारी कर दी गई थी, लेकिन दिल्ली की एक विमानन कंपनी ने लोकायुक्त में शिकायत कर दी। इसमें आरोप लगाया है कि विमानन संचालनालय ने भोपाल की एक कंपनी विशेष फायदा पहुंचाने के लिए एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट [इओआई] में एक ऐसी शर्त रखी है, जिसके अनुसार दूसरी कंपनी इसमे भाग नहीं ले सकती।

चुनाव से पहले विमान को किराए पर लेने के विवाद को देखते हुए विमानन विभाग ने आनन-फानन में जेट विमान किराए पर लेने का मामला स्थगित कर दिया है। जेट को किराए पर लेने के लिए विमानन संचालनालय ने दो बार इओआई जारी की थी, दोनों ही बार केवल भोपाल की ही कंपनी का प्रस्ताव आया।

शिकायतकर्ता का कहना है कि विमानन संचालनालय द्वारा जारी इओआई की एक शर्त में कहा गया है कि आवश्यकता होने पर संबंधित विमानन कंपनी को एक घंटे के अंदर जेट विमान उपलब्ध कराना होगा।

शिकायत में कहा गया है कि यह ऐसी शर्त है, जिसे केवल भोपाल की विमानन कंपनी ही पूरा कर सकती है। इसके अतिरिक्त कोई भी विमानन कंपनी एक घंटे में जेट विमान उपलब्ध नहीं करा सकती। इससे साफ जाहिर होता है कि विमानन संचालनालय ने भोपाल की कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए ही इस तरह की शर्त इओआई में जानबूझकर रखी है।

वर्तमान में प्रदेश में मात्र पांच रन-वे ही ऐसे हैं, जिन पर जेट विमान की लैंडिंग की जा सकती है। इनमें इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर एवं खजुराहो जिला छतरपुर शामिल है।

राज्य सरकार ने ज्यादा से ज्यादा जिलों में जेट विमान लैंडिंग करने के मकसद से क्षतिग्रस्त रन-वे को सुधारने का काम शुरू कर दिया था, इनमें नीमच, बालाघाट, इमलीखे़डा [छिंदवा़डा], सतना, खंडवा, उमरिया एवं उज्जैन जिलों की रन-वे की मरम्मत और नवीनीकरण शामिल है। यह काम समय सीमा में पूरा करने का लक्ष्य भी लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों को दे दिया गया, लेकिन जेट विमान को किराए पर लेने का मामला स्थगित होने के बाद यह सारी तैयारियां धरी रह गई।

काफी देर हो चुकी
मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव विमानन विभाग ने कहा कि जेट विमान को किराए पर लेने के निर्णय में काफी देर हो चुकी है। तीन माह बाद आचार संहिता लग जाएगी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए जेट को किराए पर लेने का प्रस्ताव खारिज किया है।

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