सुभाष बने शिवराज, कहा: तुम मुझे सरकार दो, मैं तुम्हें समृद्ध मध्यप्रदेश दूंगा

ग्वालियर/धनंजय प्रताप सिंह। ग्राम-नगर केंद्र के पालक-संयोजक के महाधिवेशन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अगले 5 साल के लिए तमाम योजना और वादों की घोषणा की। मिशन 2013 के लिए चुनावी बिगुल फूंकते हुए मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं से आव्हान किया कि 'तुम मुझे सरकार दो, मैं तुम्हें समृद्ध मध्यप्रदेश दूंगा'। उन्होंने चुनावी वादों के साथ कांग्रेस शासनकाल के साथ अपने कार्यकाल की तुलना भी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2003 में प्रदेश का कुल बजट 31 हजार रुपए था, अब एक लाख दो हजार रुपए का है। कांग्रेस सरकार के जमाने में आमजन की 22 फीसद रकम ब्याज चुकाने में ही खर्च हो जाती थी। भाजपा राज में मात्र 8.29 फीसद रकम खर्च हो रही है आगामी वर्ष में इसे आधा कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सड़क, बिजली, पानी सहित अधोसंरचना विकास का तुलानात्मक ब्यौरा पेश कर वादा किया कि 2018 तक मप्र की गिनती देश के समृद्ध और विकसित राज्य में होगी।

डर्टी पॉलिटिक्स

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर डर्टी पॉलिटिक्स करने का आरोप लगाया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि अब हमें कांग्रेस की हर साजिश का जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा।

25 सितंबर को महाकुंभ

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने पार्टी कार्यक्रमों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सारे कार्यक्रमों के समापन के बाद 25 सितंबर को जंबूरी मैदान में कार्यकर्ताओं का महाकुंभ होगा। इसमें 5 लाख से अधिक कार्यकर्ता शामिल होंगे। इसमें कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव का संकल्प दिलाया जाएगा।

बीमार मप्र को सुधारना बड़ी उपलब्धि

भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने महाअधिवेशन के समापन सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा कहते हैं कि गुजरात से आगे कोई नहीं जा सकता। मैंने कहा कि गुजरात पहले भी स्वस्थ था और अब उत्कृष्ट है। पर बीमार मप्र को स्वस्थ बनाना शिवराज की बड़ी उपलब्धि है।

वाजपेयी सर्वश्रेष्ठ

आडवाणी ने देश के अब तक के 13 प्रधानमंत्री की तुलना कर प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को सर्वश्रेष्ठ और सफल बताया। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल में चीन के हाथों मिली पराजय को नहीं भूला जा सकता। वहीं इंदिरा गांधी के कार्यकाल की इमरजेंसी लोकतंत्र पर धब्बा है। पर इन सबमें वाजपेयी अकेले ऐसे प्रधानमंत्री रहे जिनका कार्यकाल सबसे सर्वश्रेष्ठ रहा।

असंतोष के स्वर

भाजपा के तीन दिवसीय समागम में पार्टी ने शंखनाद तो किया, लेकिन कार्यकर्ताओं में असंतोष, गुटबाजी और स्थानीय नेतृत्व के प्रति नाराजगी के मुद्दे तीनों दिन हावी दिखे। यही वजह है कि अधिकांश नेताओं ने कार्यकर्ताओं से मतभेद भुलाकर चुनावी जंग में कूदने का आग्रह किया। अंतिम सत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी में किसी भी स्तर पर कोई गुटबाजी नहीं है। निचले स्तर पर इस तरह की कोई बात न हो, इसका विशेष ख्याल कार्यकर्ताओं को रखना होगा।

यह निकाला पिटारे से

-अगले पांच साल में हर क्षेत्र तक सड़क।
-सिंचाई क्षमता 40 लाख हेक्टेयर बढ़ाने का लक्ष्य।
-संपूर्ण मालवा-निमाड़ को नर्मदा जल।
-बीना, पार्वती, काली सिंध और गंभीर नदी में नर्मदा जल प्रवाहित करना।
-विंध्य, महाकौशल, चंबल-ग्वालियर, बुंदेलखंड में हरित क्रांति लाना।
-किसानों की माली हालात को बेहतर बनाने दुग्ध क्रांति लाना।
-स्किल डवलपमेंट के लिए 28 लाख बेरोजगारों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य।
-गांव-गांव लघु-कुटीर उद्योग स्थापना करने के लिए सरकारी गारंटी पर कर्ज दिलाना।
-शिक्षा ऋण के लिए गारंटी और ब्याज का भुगतान करना।
-मुख्यमंत्री आवास योजना में गरीबों को 3 लाख का आवास ऋण और 70 हजार का ब्याज अनुदान।
-हर गांव में मुख्यमंत्री नल-जल योजना।
-शहरों को खुबसूरत बनाना।
-2018 तक सबको रोटी, कपड़ा और मकान का वादा।


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