भोपाल। कांग्रेस महासचिव एवं मध्यप्रदेश के प्रभारी बी के हरिप्रसाद ने कहा कि इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान कर्नाटक की तरह ही मप्र में भी राहुल फार्मूला अपनाया जाएगा, जिसके तहत युवाओं को ज्यादा तरजीह दी जाएगी।
विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने के उद्देश्य से प्रदेश कांग्रेस की पुनर्गठित कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक के बाद हरिप्रसाद ने पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।
इस मौके पर वरिष्ठ नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुरेश पचौरी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह भी मौजूद थे। पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अप्रैल माह में धार जिले के मोहनखेडा और राजधानी भोपाल का दौरा करने के बाद सभी नेताओं को साफ शब्दों में कहा है कि वह इस राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए एकजुटता के साथ काम करें। गांधी ने कर्नाटक में टिकट वितरण के दौरान स्वच्छ छवि वाले युवाओं को तरजीह दी थी और इसके परिणाम स्वरूप पार्टी को वहां सरकार बनाने का अवसर मिला।
सूत्रों का कहना है कि गांधी अब स्वयं ही मध्यप्रदेश की राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। इसी का परिणाम माना जा रहा है कि आखिरकार वर्षों बाद आज कांग्रेस के राज्य से जुडे सभी वरिष्ठ नेता एक ही बैठक और बाद में पत्रकार वार्ता में एक साथ नजर आए। इस मौके पर अन्य नेता भी एकजुटता का राग अलापते नजर आए।
हरिप्रसाद ने कहा कि अब किसी को भी वरिष्ठ नेताओं की एकजुटता को लेकर शक नहीं करना चाहिए। वहीं सिंधिया ने कहा कि सभी नेताओं की मौजूदगी में आने वाले समय में एक आमसभा भी रखी जाएगी। हालाकि इसका स्थान और तिथि तय नहीं हुई है।
वर्ष 1993 से 2003 तक राज्य में कांग्रेस का शासन रहा था। वर्ष 2003 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन चौथाई बहुमत हासिल करके कांग्रेस को सत्ता से उखाड फेंका था। यही नहीं भाजपा ने पांच वर्ष बाद 2008 में हुए विधानसभा चुनावों में फिर से विजय हासिल करके कांग्रेस को करारा झटका दिया था। इस वर्ष के अंत में होने वाले चुनावों में जहां कांग्रेस दस वर्षों के बाद सत्ता में वापसी के प्रयास में लगी है, वहीं भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के मिशन 2013 पर काम कर रही है।