भोपाल। जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान में लिए गए उत्तराखंड आपदा प्रबंधन के मामले में मध्यप्रदेश शासन का जवाब पढ़ने के बाद हाईकोर्ट ने शासन से पूछा कि क्या चार जिलों के कलेक्टर उनके कंट्रोल में नहीं है।
दर असल हाईकोर्ट द्वारा मांगी गई जानकारी जब शासन की ओर से पेश की गई तो उसमें चार जिलों का डाटा उपलब्ध नहीं था। मप्र सरकार की रिपोर्ट देखने के बाद युगलपीठ ने कहा कि उसमें छतरपुर, सतना, राजगढ़ और अशोक नगर से उतराखण्ड गए लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
युगलपीठ ने कहा-‘हमने सरकार से मध्यप्रदेश से गए लोगों की जिलेवार सूची मांगी थी, लेकिन चार जिलों से रिपोर्ट न आने का आशय यही है कि वहां के कलेक्टर सरकार की ही नहीं सुन रहे हैं।’
युगलपीठ ने यहां तक कहा-‘त्रासदी के दौरान लोगों की सुनने वाला स्थानीय लोगों के अलावा और कोई नहीं था। जब चौथे दिन प्रधानमंत्री वहां पहुंचे, तब सेना लोगों की मदद के लिए लगाई गई।’
