भोपाल। नईदिल्ली में बने कांग्रेस के वाररूम से नए प्रभारी मोहन प्रकाश ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर पहले हमले की तारीख तय कर दी है। 14 जुलाई को नसरुल्लागंज में अवैध खनन के मामले पर रैली आयोजित की जाएगी जिसमें कांग्रेस के तमाम दिग्गज एक साथ एक मंच पर दिखाई देंगे।
कांग्रेसी पंडितों का मानना है कि इससे दो टारगेट अचीव होंगे। पहला तो शिवराज सिंह के इलाके में अवैध उत्खनन की पोल खुल जाएगी और दूसरा विधानसभा चुनाव से ठीक चार महीने पहले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह, केंद्रीय मंत्री कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी, सत्यव्रत चर्तुवेदी, प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और श्रीनिवास तिवारी की एक सार्वजनिक मंच पर उपस्थिति कांग्रेसियों के लिए संजीवनी का काम करेगी।
शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस के वाररूम में महासचिव और मध्य प्रदेश के प्रभारी मोहन प्रकाश की अध्यक्षता में हुई समन्वय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद भूरिया ने मीडिया को बताया कि, सभी सदस्यों ने अपने-अपने सुझाव रखे। बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों, संभाग, जिला और ब्लाक स्तर के कार्यक्रमों, आला नेताओं के संयुक्त दौरे, भाजपा सरकार के खिलाफ आरोप पत्र व बूथ स्तर तक मजूबती पर चर्चा हुई और खाका तैयार किया गया।
समन्वय समिति की बैठक में कांतिलाल भूरिया, अजय सिंह, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सिंधिया, सत्यव्रत चतुर्वेदी, इंद्रजीत पटेल, महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा, असलम शेर खान, एनपी प्रजापति, श्रीनिवास तिवारी, गंगा उरेती और मंजू राय शामिल थी।
सुषमा कर्नाटक में थी तो रेड्डी बंधु थे और एमपी में चौहान बंधु हैं खनन माफिया
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और विदिशा सांसद सुषमा स्वराज पर निशाना साधते हुए उन पर खनन माफिया को शरण देने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा और सुषमा के संसदीय क्षेत्र विदिशा में पर्यावरण विभाग की रोक के बावजूद अवैध खनन हो रहा है। मुख्यमंत्री के रिश्तेदार अवैध खनन कर रहे है।
एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ 490 करोड़ रुपए का नोटिस दिया गया था। लेकिन राज्य सरकार ने अधिकारी को ही हटा दिया। उन्होंने कहा ‘जब सुषमा बेल्लारी गईं तो रेड्डी बंधु अवैध खनन में शामिल थे अब एमपी में चौहान ब्रदर्स अवैध उत्खनन में लिप्त हैं। सुषमा के संसदीय क्षेत्र में अवैध खनन पर कोई कार्रवाई न होने से साफ है कि खनन माफियाओं को मुख्यमंत्री का संरक्षण प्राप्त है।’