गंजबासौदा। विदिशा जिले की तहसील गंजबासौदा को जिला बनाने की मांग अब राजनैतिक रंग लेने लगी है। इधर मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा बासौदा के बजाए सिरोंज को जिला मुख्यालय बनाना चाहते हैं तो उधर भाजपा और कांग्रेस नेताओं के एक गठबंधन ने एक नई समिति बनाकर क्रेडिट समेटने का उपक्रम शुरू कर दिया है।
सनद रहे कि गंजबासौदा को जिला बनाने की मांग भाजपा नेता शैलेन्द्र सक्सेना के नेतृत्व में उठाई गई थी और भाजपा के बेनरतले अभियान शुरू किया गया। सक्सेना समर्थकों ने बताया कि जिला बनाओ अभियान समिति के संयोजक शैलेन्द्र सक्सेना द्वारा लगातार पदयात्राएं करके व हस्ताक्षर अभियान चलाकर 40000 हस्ताक्षर करवाए फलस्वरूप इस अभियान को भारी समर्थन मिला, विगत दिनों सिरोंज को जिला बनाने सम्वन्धी समाचार के बाद जन समुदाय के समक्ष शैलेन्द्र सक्सेना ने जनहित में अनशन की घोषणा कर दी।
उनकी इस घोषणा से उत्साहित होकर उपस्थित जन समुदाय ने नारे लगाये व जोरदार समर्थन दिया जिसे सुनकर कुछ नेताओं के कान खड़े हो गए और रातों रात कुछ कांग्रेसी नेताओं ने संघर्ष समिति के नाम से एक नई समिति का गठन कर लिया। जो अभियान अब तक भाजपा के नेता और समाज सेवी शैलेन्द्र सक्सेना की दिन रात की मेहनत से इस मुकाम तक पहुंचा कांग्रेस ने उसे हथियाने की कोशिश की है, नवगठित समिति ने कांग्रेस के लेटर पेड़ पर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को 30 मई को ज्ञापन सोंपा, दो मई को इस समिति ने शहर में कुछ गिने चुने लोगों को लेकर जनसंपर्क किया जिसमें बीजेपी के विधायक सहित कुछ बीजेपी के नेता भी शामिल थे।
जो क्षेत्र में जन चर्चा का विषय बन गया ख़ास चर्चा यह रही कि इस पूरे कार्यक्रम से क्षेत्र के बीजेपी नेता शैलेन्द्र सक्सेना को दूर रखा गया कुल मिलाकर ऐसा कहा जा रहा है की एक बड़े मुद्दे को बीजेपी सोने की थाल में सजा कर कांगेस को सोंप रही है क्योंकि इस मुद्दे से क्षेत्र की पूरी जनता और उसकी भावना जिसका पूरा श्रेय अब तक बीजेपी नेता शैलेन्द्र सक्सेना के जुड़े होने से भाजापा को मिलता वही इस नवीन समिति के गठन से कांगेस की झोली में जा सकता है।
हैरत की बात यह है कि विधायक भी कांगेस द्वारा बनाई गई इस समिति के कायक्रम में शामिल हुए जवकि अब तक जो अभियान शैलेन्द्र सक्सेना के नेतृत्व में चल रहा था उससे बीजेपी को लाभ हो रहा था लेकिन उसमें अब तक विधायक का सहयोग नहीं मिला था लेकिन कांग्रेस के लेटर पेड़ पर दिए गए ज्ञापन पर कांग्रेस द्वारा किये गए जनसम्पर्क में विधायक सहित बीजेपी नेताओं का शामिल होना ही यह सिद्ध कर रहा है की यह मुद्दा अब कांग्रेस हथियाना चाहती है।