अनूपपुर (राजेश शुक्ला)। अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है कि संविदाकर्मियों को नियमित करेंगे और अध्यापकों को समान कार्य समान वेतन देंगे। अध्यापकों को पिछली कांग्रेस सरकार 500 रूपये देती थी हमने तो 25 हजार कर दिया है। अब कैसा समान कार्य का समान वेतन अभी ऐसा कोई विचार नहीं है।
उक्त बातें प्रदेश के वित्त मंत्री राघव जी ने जिले के पत्रकारों से पत्रकारवार्ता के दौरान कही। जब उन्हें इस ओर ध्यान दिलाया गया कि मुख्यमंत्री ने अध्यापकों से वादा किया है कि हम छ.ग. से अच्छा अध्यापकों को वेतन देंगे और इसकी घोषणा गुरू पूर्णिमा के दिन करेंगे।
तब वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ऐसी कोई घोषणा नहीं की है और कहा हम छग का अनुसरण करने के लिये बाध्य नहीं हैं। इस तरह के द्विभाषिये बयान से जहां लोगों में असमंजस की स्थिति हो गई कि प्रदेश के मुखिया जहां सब को खुश करने की बात कर रहे हैं तो वहीं वित्त मंत्री इसे एक सिरे से नकार रहे हैं, वहीं मनरेगा व अन्य संविदा कर्मियों के बारे में भी वित्त मंत्री ने कहा कि अभी इन्हें नियमित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है जब होगा तो देखा जायेगा।
प्रदेश की वित्तीय स्थिति को अच्छी है अपनी सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यो व जनता से किये वायदे पूरा करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हम जो नहीं कहते वह भी पूरा कर रहे हैं। जिसके कारण मप्र देश में सबसे तेज गति से विकास करने वाला प्रदेश बन गया है। इससे प्रदेश की वित्तीय शाख बढी है। प्रदेश की अच्छी वित्तीय स्थिति एवं वित्तीय नियंत्रण के कारण एक भी दिन ओव्हर ओव्हर ड्राफ्ट नहीं हुआ।
वित्त मंत्री श्री राघव जी ने बताया कि प्रदेश सरकार अपने वायदों को पूरा करने अतिरिक्त अन्य सुविधाएं देने से जुटी है। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ते दर पर बिजली, 1 रू० किग्रा० गेहूं, एवं 2 रू० किग्रा० चावल, किसानों को बिना ब्याज कर्ज, शा० कर्मचारियों को केन्द्र के समान महंगाई भत्ता, 6वां वेतनमान, देवेभो कर्मचारियों को नियमितीकरण, युवाओं को स्वरोजगार हेतु 25 लाख रूपये तक के ऋण में गारण्टी आदि शामिल हैं।
प्रदेश सडक एवं सिंचाई सुविधाओं का विस्तार हुआ है। जिससे कृषि उत्पादन में आशतीत वृद्घि हुई है। इस अवर पर विन्ध्य विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता, विवि प्राधिकरण के सदस्य रामदास पुरी तथा कोतमा नगर पालिका के अध्यक्ष राजेश सोनी उपस्थित थे।