नरेन्द्रसिंह तोमर। मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेताओं से उन्हीं के केन्द्रीय नेताओं का विश्वास उठ चुका है। आज हुए मंत्रीमण्डल विस्तार मे मध्यप्रदेश से किसी भी सांसद को शामिल नही किया जाना यह दर्शाता है, कि खत्म होती कांग्रेस मे मध्यप्रदेश कांग्रेस का अस्तित्व भी समाप्त हो चुका है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेताओं के लिए शर्मसार करने वाली बात है कि उन्हे केन्द्रीय मंत्री तो दूर राज्यमंत्री के ‘लायक’ भी नही समझा गया।
सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कांग्रेस की गुटबाजी, सदन से सड़क तक असफलता तथा निराशा के साथ ही मध्यप्रदेश से कांग्रेस में कोई भी लायक नेता नही मिला। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेताओं को विचार करना चाहिए कि जब उनके ही दल मे उनकी कोई अहमियत नही है, तो मध्यप्रदेश की जनता के बीच वें कौन सा मुंह लेकर जायेगें।
मध्यप्रदेश कांग्रेस ‘राजा’ और ‘महाराजा’ के झगड़े और गुटबाजी से ग्रस्त राजनैतिक दल बन गया है। यही कारण है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने भी उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया है। हम कांग्रेस की राजनैतिक रूप से दयनीय स्थिति पर संवेदना ही व्यक्त कर सकते है।
एनडीए के शासनकाल में मध्यप्रदेश को उचित प्रतिनिधित्व मिला। भारतीय जनता पार्टी ने तत्कालीन एनडीए सरकार में मध्यप्रदेश से 6 मंत्री बनाकर मध्यप्रदेश को मंत्रीमंडल में सम्मानजनक एवं न्यायोचित स्थान दिया। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अपनी अयोग्यता की वजह से मध्यप्रदेश के सम्मान को देश की नजरों में खोया है और मध्यप्रदेश को प्रतिनिधित्व से भी वंचित किया है। जिसके लिए मध्यप्रदेश की जनता कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी। आने वाले चुनाव में मध्यप्रदेश की जनता कांग्रेस को मुंहतोड़ जवाब देगी और पुनः भारतीय जनता पार्टी की जीत सुनिष्चित करेगी।
- लेखक श्री नरेन्द्र सिंह तोमर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशअध्यक्ष एवं संसद सदस्य हैं।