गैरतगंज। राकेश गौर। म.प्र. में शायद ही ऐसा कहीं हुआ होगा। कि किसी भी विभाग में 4 वर्षो में आठ अधिकारियों ने पदभार ग्रहण किया हो लेकिन रायसेन जिले की नगर परिषद गैरतगंज में इन चार वर्षो में 8 सीएओ आ चुके है।
पहली बार ग्राम पंचायत से नगर पंचायत में अस्तित्व में आया गैरतगंज अपने गठन के बाद से अपन उपर आंसू बहा रहा है। वर्ष 2009 में गठन के बाद से ही नगर परिषद गैरतगंज भारी विवादो में घिरी रही और उठापटक का दौर चलता रहा । 4 वर्षो में 7 सीएमओं की पदस्थापना के बाद इस बार फिर आठवे सीएमओं के रूप में सोमवार को नरेन्द्र दुबे ने पदभार ग्रहण किया। श्री दुबे ने सीएमओं का पदभार भारी कशमकश के बीच ग्रहण किया।
रायसेन जिले की नगर परिषद गैरतगंज गठन के बाद 4 वर्षो में 8 सीएमओं की पदस्थापना की गई है। अभी तक नगर परिषद गैरतगंज की जिम्मेदारी नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी का पद प्रभारियों के हाथो में दे रखा था जो लिपिक या डूडा के बाबू सहित अन्य एकाउन्टेंट स्तर के ही कमैचारियों रखा गया था।
वर्तमान में नगर पंचायत गैरतगंज में प्रभारी सीएमओं के रूप में रायसेन डूडा के लिपिक पद पर पदस्थ वीरेन्द्र चक्रवर्ती पदस्थ थे। हाल ही में राज्य शासन के आदेश पर मप्र की नगर पंचायतों में सीधे (फुलफ्रेश) सीएमओं की पदस्थापना की गई। जिसमें गैरतगंज नगर पंचायत में चिचोली बेतूल नगर परिषद से आऐ सीएमओं नरेन्द्र दुबे को पदस्थापना दी गई लेकिन उनकी पदस्थापना के बाद से ही उन्हे यहां कार्यभार ग्रहण करने के लिए भारी कशमकश का सामना करना पडा।
पूर्व में 6 जून को वे पदभार के लिए नगर पंचायत गैरतगंज आए लेकिन वर्तमान प्रभारी सीएमओं द्वारा हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए गुमराह कर ज्वाइनिंग नही दी गई। बाद में 17 जून को अन्य दस्तावेजों के बाद नगर पंचायत अध्यक्ष भागवती गौर एवं पार्षदो की मौजूदगी के बीच पदभार ग्रहण किया। आदेश में प्रभारी सीएमओं वीरेन्द्र चक्रवर्ती को अपने मूल पद पर पदस्थापना के लिए आदेशित किया गया। इस पूरे कशमकश के दौर के बाद नवनियुक्त सीएमओं श्री दुबे पत्रकारवार्ता करते हुए कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता नगर के सर्वांगीण विकास की होगी।
उन्होने नगर के विकास के लिए नगर के आमजनों सहित नगर परिषद के लोगो के सहयोग की अपेक्षा भी की। श्री दुबे के पदस्थापना के बाद नगर में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। नगर के आमजनों ने बताया कि प्रत्येक सीएमओं की नवीन पदस्थापना के बाद से नगर के विकास की बात तो कही जाती है परन्तु आज तक ऐसा नही हो पाया। अब देखना ये है कि वर्तमान में पदस्थ श्री दुबे नगर विकास को किस हद तक ले जाते है ये तो समय ही बतायगा। पर लोगो को इस बार नगर विकास की एक अलख जगी है।
सीट नही छोडने पर आमादा है प्रभारी सीएमओं
रायसेन जिले की नगर परिषद गैरतगंज पूरे जिले में भले ही सबसे अधिक विवादों में घिरी रही हो। परन्तु आज भी यहां कोई भी अधिकारी स्थानान्तरण पर सीएमओं की सीट नही छोडना चाहता है। पूर्व में पहली बार अस्तित्व में आई नगर परिषद गैरतगंज में पहली बार जीआर देषमुख सीएमओं के पद पर पदस्थ हुए परन्तु एक वर्ष के अंतराल में उनका स्थानान्तरण हो गया उन्होने भी सीएमओं की कुर्सी नही छोडने की भरकम कोशिश की।
इसके बाद आर के मिश्रा ने प्रभारी सीएमओं की बागडोर संभाली जिन पर लोकायुक्त के छापामार कार्रवाई के बाद पद छोडना पडा। उनके स्थानान्तरण के पष्चात रायसेन डूडा के लिपिक पद पर पदस्थ बाबू वीरेन्द्र चक्रवर्ती प्रभारी सीएमओं के पद पर पदस्थ हुए। उनका भी एक बार फिर स्थानान्तरण मूल पद कर दिया गया। और प्रभारी सीएमओं के रूप में हरिसिंह चौहान ने पदभार ग्रहण किया परन्तु इनके पदभार के 4 माह बाद ही नगरीय प्रशासन विभाग के आदेश के खिलाफ पूर्व सीएमओं वीरेन्द्र चक्रवर्ती स्टे आर्डर ले आए और दोबारा भारी विवाद के बीच ज्वायनिंग ली।
इन्होने सीएमओं की सीट की खातिर खुद अपने नगरीय प्रशासन विभाग के खिलाफ हाईकोर्ट का दामन पकडा और जब दोबारा फुलफ्रेश सीएमओं की नियुक्ति प्रशासन ने की तो उन्होने सीएमओं की सीट देने से इंकार कर दिया। भारी कशमकश के बीच उन्होने 1 माह बाद पदभार ग्रहण कर सके। चर्चा है कि एक बार फिर सीट की खातिर श्री चक्रवर्ती हाईकोर्ट की शरण में गए है।