मंडला। समाज में शिक्षा की अलख जगाने वाले अध्यापकों को सरकार की अल्पवेतन नीति और सुविधाओं के अभाव का खमियाजा इस तरह भोगना पड़ रहा है कि स्वयं या परिवार के किसी सदस्य को गम्भीर बीमारी हो जाये तो जीपीएफ कटौती, चिकित्सा क्षतिपूर्ति भत्ता आदि के अभाव में इलाज के लिये मामूली रकम भी जुटाने में वह अपने आप को एकदम असहाय महसूस करता है।
मा.शा. सागर में पदस्थ अध्यापक सुरेन्द्र दुबे की पत्नी अम्बिका दुबे इन दिनों इलाज के अभाव में जिन्दगी और मौत से जूझ रहीं हैं। राज्य अध्यापक संघ की जिला इकाई ने अपने अध्यापक परिवार को मुसीबत में देख एक बार फिर सहयोग का बीड़ा उठाया है। किडनी, हेपेटाइटिस और तिल्ली की बीमारी से ग्रसित अम्बिका दुबे के इलाज के लिये तात्कालिक 20 हजार रूपये एकत्रित कर आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है।
राज्य अध्यापक संघ के जिला शाखा अध्यक्ष डी.के.सिंगौर ने बताया कि शा.उ.मा.वि.सागर के प्राचार्य के.एल. झारिया की अगुवाई में विद्यालय स्टाफ द्वारा 5000रू., बी.आर.सी. एस.एस.पाण्डे की अगुवाई में उनके कार्यालय द्वारा 5000रू की राशि सहयोग के रूप में दी गई है। शेष राशि का सहयोग एम.एम. मिश्रा, सतीष शुक्ला, प्रदीप दुबे, बी.एल.मरावी, रूचि ज्योतिषी, जर्नादन साहू,रविशंकर यादव द्वारा किया गया है।
संघ ने अपने सभी अध्यापक एवं शिक्षक साथियों से सहयोग की अपील की है। साथ ही सहयोग राशि सुरेन्द्र दुबे के बैंक आॅफ इण्डिया के खाता क्रमांक 948516310000028 में सीधे जमा की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि अध्यापक संघ के प्रयास के चलते अध्यापक ओम शुक्ला मौत के मुंह से निकलकर अपने परिवार के साथ खुशहाल हैं इसी प्रकार गुरूजी की 9 वर्षीय बेटी कु.ज्योति केन्सर को हराकर अपनी पढ़ाई जारी रखी हुईं हैं। बिछिया का कक्षा 7वीं का अनाथ एवं बेहद निर्धन छात्र मोेहित यादव रक्तदान के सहयोग से अपना जीवन बचाने में सफल हुआ।