मुख्यमंत्री ने नही दी शिक्षक भर्ती में बेटियों को तबज्जो

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गैरतगंज। राकेश गौर। प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों के अंतर्गत की जा रही संविदा शिक्षक वर्ग 1,2 एवं 3 की पदस्थापना में बेटी हितैषी मुख्यमंत्री के राज्य में महिला अभ्यर्थियों को कोई तबज्जो नही दी जा रही है।

पदस्थापना प्रक्रिया में वरीयता न मिलने से महिलाएं अत्यधिक परेशान है तथा पदस्थापना वाले स्थान को लेकर भ्रम की स्थिति में है।

स्कूल शिक्षा विभाग मप्र शासन द्वारा एमपी आनलाईन के माध्यम से संविदा शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न कराई जा रही है। इस प्रक्रिया में जिला एवं विकासखंड के के चयन के चरण पूर्ण होने के बाद अब पदस्थापना स्थलों के चयन की प्रक्रिया को भी आनलाईन ही पूर्ण किया जाना है। स्कूल शिक्षा विभाग ने 14 जून को एक पत्र जारी कर वर्ग 1, 2 एवं 3 के सभी अभ्यर्थियों को दिनांक 19 जून से 25 जून के बीच आनलाईन पदस्थापना स्थल के चयन के निर्देष दिए है।

इस विज्ञापन में विभाग की ओर से केवल विकलांगों को ही प्राथमिकता देने की बात कही गई है। पूरी चयन प्रक्रिया में 50 प्रतिषत पदों पर महिला उम्मीदवारों का चयन हुआ है। परन्तु सरकार ने पदस्थापना स्थल के चयन में महिलाओं को किसी भी प्रकार की कोई प्राथमिकता नही दी है। जिससे महिलाऐं स्थल चयन को लेकर दुविधा की स्थिति में है।

गौरतलब है कि सरकार द्वारा संविदा शिक्षकों की भर्ती केवल ग्रामीण क्षेत्रो के लिए की जा रही है। ऐसे में अधिकांश पदस्थापना स्थल दूर दराज के क्षेत्रो में है। कुछेक स्थान सडक मार्ग पर है, जहां महिलाओं को मार्ग की सुगमता एवं सुविधा के दृष्टिगत प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति दी जा सकती है परन्तु सरकार ने भर्ती की पदस्थापना प्रक्रिया में महिलाओं को प्राथमिकता न देकर यह रास्ता भी बंद कर दिया है।

आश्चर्य का विषय है कि प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जहां एक तरफ खुद को बेटी और महिला हितैषी होने का दंभ भरते है तो दूसरी तरफ शासन के ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम संविदा शिक्षक भर्ती में महिलाओं को कोई तबज्जो नही दी जा रही है तथा महिलाऐं अपने आप को असहाय और परेशान महसूस कर रही है।

कम पदो पर हो रही भर्ती

शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न विकासखंडो में वास्तविक रूप से रिक्त पदो के विरूद्ध कम पदो पर त्रुटि पूर्ण ढंग से भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न की जा रही है। चयनित अथ्यर्थियों का कहना है कि शासन के द्वारा संचालित एजूकेशन पोर्टल पर विभिन्न विकासखंडो में विभिन्न वर्गो की पद संख्या आरटीई के मान से अधिक दर्शाई गई है परन्तु विभाग द्वारा आनलाईन चयन में पदों की संख्या कम प्रदर्शित की जा रही है।

रायसेन जिले के गैरतगंज विकासखंड में पोर्टल पर वर्ग 3 के 121 पद रिक्त प्रदर्शित है परन्तु जिला शिक्षा विभाग ने केवल 60 पदों को ही भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया है। जिससे चयनितों को पदस्थापना स्थल चयन में भारी दिक्कतें आ रही है।

प्राथमिकता देने की मांग को लेकर भेजा ज्ञापन

रायसेन जिले की अनेक महिला संविदा शिक्षकों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं अधिकारियों को इस संबंध में एक ज्ञापन भेजकर पदस्थापना स्थल चयन में महिलाओं को प्रथम वरीयता देने एवं वास्तविक रूप से रिक्त अधिक पदों की संख्या पर भर्ती करने की मांग की है तथा वरीयता न देने पर अपना गुस्सा भी जताया है। मांग करने वालों में मधु जयनानी,उन्नति मिश्रा,प्रीति नायक, समता शर्मा,रचना श्रीवास्तव, काजल किरण साहू,दीप्ती राजपूत, अनीता राजपूत,सीमा मालवीय, अनीता तिवारी, रजनी ओड सहित दर्जनों सविंदा शिक्षक शामिल है।




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