भोपालसमाचार.कॉम परिवार से जुड़े करीब डेढ़ लाख पाठकों एवं 9 हजार से ज्यादा प्रमोटर्स के लिए खुशी की खबर है कि एक बार फिर अपनी उपयोगिता साबित हो गई और उत्तराखंड सरकार ने हनुमान चट्टी पर फंसे यात्रियों को बचा लिया। यदि 24 घंटे की भी देरी हो जाती तो करीब मध्यप्रदेश के करीब 500 यात्री जो जलप्रलय के बाद बच गए थे, हालात के हाथों मारे जाते।
सनद रहे कि केदारनाथ जलप्रलय के बाद मध्यप्रदेश के करीब 3000 लोग वहां फंस गए थे। पहाड़ों की चोटी और नीचे मैदान तक तो मदद पहुंच रही थी परंतु पहाड़ों के बीच में फंसे लोगों तक कोई मदद नहीं पहुंच पा रही थी जबकि गौरीकुंड के आगे और जानकी चट्टी तक के इलाके में करीब 6000 लोग फंसे हुए थे जिनमें से करीब 500 मध्यप्रदेश के थे।
ग्वालियर के गोयल परिवार ने इसकी सूचना भोपालसमाचार.कॉम को दी। इस सूचना के प्राप्त होते ही उसे मसालेदार समाचार बनाकर पेश नहीं किया गया, बल्कि सबसे पहले यह सूचना मध्यप्रदेश के राहतदल के अधिकारियों, भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय, भारत के राष्ट्रपति महोदय के कार्यालय एवं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के कार्यालय को भेजी गई।
इस पूरे घटनाक्रम में दुखद यह रहा कि मध्यप्रदेश के राहत दल ने ना केवल इस सूचना को अनदेखा किया बल्कि फोन पर बातचीत के दौरान वहां मदद पहुंचाने से स्पष्ट रूप से इंकार भी कर दिया, वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के कार्यालय ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इस सूचना को पुलिस एवं सेना तक पहुंचाया। ना केवल पहुंचाया बल्कि भोपाल समाचार को रिप्लाई मेल कर स्थिति से अवगत भी कराया।
अंतत: रविवार की सुबह सेना हनुमान चट्टी तक पहुंच गई एवं मध्यप्रदेश के फंसे हुए तीर्थयात्रियों को अपनी सुरक्षा में ले लिया। यहां हम बता दें कि पहाड़ियों पर फंसे हुए लोग तिल तिल मर रहे थे, वहां 100 रुपए का एक लीटर पानी और 25 रुपए की एक रोटी बिक रही थी। फंसे हुए लोगों की जेब में एटीएम कार्ड तो थे परंतु जेब में नगद पैसे नहीं थे और हर अमीर गरीब के हालात एक जैसे हो गए थे।
ग्वालियर के गोयल परिवार ने आज भोपालसमाचार.कॉम को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सूचित किया कि अब उनके सभी परिजन सुरक्षित पहाड़ियों से नीचे की ओर आ रहे हैं। लोग उत्तराखंड सरकार को कितना भी आरोपित करें परंतु इस एक मामले में तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय की तत्परता के चलते 500 लोगों की जान बच गई।
शुक्रिया उत्तराखंड