अनूपपुर/कोतमा। जिले के कोतमा के वन परिक्षेत्र के कल्याणपुर बीट के आरक्षित वन क्षेत्र मे शनिवार को हुये बारिश के बाद अचानक गोफ हो जाने के कारण बडी लम्बी आकार मे जमीन के हिस्सो मे दरार होकर गहरे गडढे मे तब्दील हो गया।
वन सीमा मे हुये गहरे दरार एंव भयावह गडढो को लेकर आस पास के रहवासियों सहित जंगल के रास्ते आने जाने वालो मे जमकर दहशत बनी हुई है। बताया जाता है कि उक्त गोफ की स्थिति कालरी प्रबंधन द्वारा जमीन के नीचे से कोयला निकाले जाने के बाद मिट्टी की भराई ना करने एंव वन विभाग की अनदेखी के कारण हुआ है जो कि आने वाले समय मे कभी भी बडे हादसे का रुप ले सकता है।
हो सकता है जानेलवा हादसा
स्थानीय नागरिको ने बताया कि पिछले दिनो के बरसात एंव शनिवार को हुये बरसात के बाद अचानक कोतमा से जमुना की ओर जाने वाले सडक के किनारे सैकडो मीटर की लम्बाई मे जमीन मे दरारे आ गई जिसकी गहराई पचास फीट के लगभग है जो कि स्थल पर जाकर देखा जा सकता है। लोगों की नजर इस पर पडी तो वे दहशत में आ गये जिसकी जानकारी मीडिया को भी दी गई ।
नियमो की उडाई धज्जिया
कायेलांचल क्षेत्र मे कालरी की खदाने संचालित है जिसके द्वारा जमीन के नीचे से कोयले का उत्खनन किया जाता है और बदले मे उक्त भूमि को कलरी प्रबंधन द्वारा रेत एंव मिट्टी से पाटकर लेबल करा देना चाहिये, जिसकी जवाबदारी वन विभाग के कर्मचारियो की भी होती है कि वे समय समय पर जंगल का निरीक्षण का गोफ एरिया की जानकारी कालरी प्रबंधन को देते हुये वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) से अनुमति लेकर भरा जाये। लेकिन इन सुरंगों को यूं ही छोड दिया जाता है जिस कारण उस खाली स्थान की जमीन अक्सर धस कर गहरे गोफ का रूप ले लेती है और बडी दुर्घटनाए भी हो जाती है क्षेत्र के नागरिको ने जिला कलेक्टर अनूपपुर एंव जिला वन अधिकारी से घटनास्थल का मुआयना कर सैकडो फीट मे दरार आई जमीनो को भराव कर किसी बडी दुर्घटना को होने से रोके।
अभी वन अधिकारियो को स्थल का मुआयना करने के लिये भेजता हूं, गोफ एरिया का भराव जल्द से जल्द कराया जायेगा।
वाई सत्यम
मुख्य वन सरंक्षक सभांग शहडोल
