राजेश शुक्ला/अनूपपुर। छ: माह में एक बार आने वाले जिले के प्रभारी मंत्री हरिशंकर खटीक का आलम यह है कि पार्टी के लोग भी इनसे मुंह मोडऩे लगे हैं। इसका उदाहरण देखने को जब मिला, शनिवार को प्रात: 7:45 बजे उत्कल एक्सप्रेस से आये तो उन्हें रिसीव करने के लिए एक भी भाजपाई नहीं पहुंचा, बस कुछ सरकारी कर्मचारी मौजूद थे।
श्री खटीक ट्रेन से उतरकर सीधे चचाई सर्किट हाऊस चले गये। ज्ञात हो कि प्रभारी मंत्री के कार्यशैली से जिले की जनता के साथ-साथ भाजपा संगठन के लोग भी नाराज हैं। इसका कारण इनके द्वारा जिले के विकास में ध्यान न देना, एक बार योजना समिति की बैठक कर दोबारा वो इस जिले की ओर रूख नहीं करते हैं, बल्कि जब ये आते हैं तो अपने साथ ठेकेदार और सप्लायर लेकर आते हैं, उनकी विभागों में सेटिंग कराने में ज्यादा व्यस्त रहते हैं। जबकि मुख्यमंत्री की मंशा है कि प्रभारी मंत्री अपने प्रभार के जिलों में ज्यादा से ज्यादा ध्यान दें, परंतु श्री खटीक अपने विधानसभा क्षेत्र के अलावा उनका ध्यान प्रभार के जिलों में नहीं जाता है।
भाजपा के लोगों की माने तो इनके आने ना आने से कोई फर्क नहीं पड़ता, बल्कि और लोगों का गुस्सा भड़क जाता है। इनके द्वारा पार्टी के पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं की समस्यायें भी सुनने का समय नहीं रहता है। ऐसे में इनका आना ना आना कोई मतलब का नहीं है।
कार्यकर्ता इस बात से भी चिंतित है कि प्रभारी मंत्री का यही रवैया कहीं हमें चुनाव के समय भुगतना ना पडे, जब हम लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रहे तो हम किस मुंह से उनके पास पार्टी के लिये वोट मांगेंगे, जब हम कार्यकर्ताओं का छोटा सा काम नहीं होता तो आमजन का कैसे होगा।
शनिवार को एकदिवसीय दौरे पर जिले की पालक मंत्री हरिशंकर खटीक आये। 2 बजे से योजना समिति की बैठक लेकर शाम तक पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले, परंतु इस दौरान क्या हुआ यह मीडिया से दूर रहा वहीं सुबह उन्हें कोई भाजपाई स्टेशन लेने नहीं पहुंचा यह भी एक नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
