भाजपा दिग्गजों को को मालूम है ओवर कांफिडेंस में रहे तो हर जाएंगे मध्यप्रदेश

भोपाल। मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को इन दिनों आगामी विधानसभा चुनाव में हार का डर सताए जा रहा है। यही कारण है कि पार्टी के अदने नेता से लेकर आला नेता तक को चुनाव के अलावा कुछ और नजर ही नहीं आ रहा है। हर नेता अपनी-अपनी तरह से कार्यकर्ताओं को चेता रहे हैं और यहां तक कहने को मजबूर हैं कि 'अगर नहीं जागे तो सत्ता चली जाएगी।'

राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है, बीजेपी हर हाल में तीसरी बार सत्ता में आने को आतुर है, इसके लिए एक तरफ सरकार नित नई घोषणाएं कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर वर्ग के कल्याण की योजनाओं की घोषणाएं कर यह बताने में पीछे नहीं हैं कि उनके लिए जनकल्याणकारी योजनाएं सर्वोपरि है। उनकी कोशिश अपने को नेता नहीं सेवक के तौर पर स्थापित करने की है।

एक तरफ जहां सरकार मतदाताओं को अपने पाले में खींचने की जुगत में लगी है वहीं संगठन कार्यकर्ताओं को जगाने में लगा है। बात ग्वालियर में आयोजित कार्यसमिति और पालक और संयोजक महासम्मेलन की करें तो तस्वीर साफ हो जाती है। इस आयेाजन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कार्यकताओं से साफ-साफ शब्दों में कह दिया कि आपसी मनमुटाव भुला दें और चुनाव की तैयारी में जुट जाएं। चुनाव जीतना है तो कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर काम करना होगा।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने भी कुछ इसी तरह का संदेश दिया। प्रदेश प्रभारी अनंत कुमार ने भी कार्यकताओं को हिदायत दे डाली कि वे अति आत्मविश्वास में न रहें, राज्य सरकार की नीतियों को जनजन तक पहुंचाएं। इतना ही नहीं आगामी 150 दिन पार्टी को दे दें। चुनाव जिताने के लिए वे सक्रिय रहें। मुख्यमंत्री शिवराज भी अपने दिल की बात कहने से नहीं चूके। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि राज्य में हर घर को 24 घंटे बिजली देने के लिए अटल ज्योति अभियान चलाया जा रहा है, इस अभियान के खिलाफ कांग्रेस दुष्प्रचार कर सकती है, लिहाजा कार्यकर्ता सजग रहें और कांग्रेस के दुष्प्रचार का जवाब देने के लिए तैयार रहें।

बीजेपी में चुनाव को लेकर बढ़ते डर की वजह पिछले दिनों आए तमाम सर्वेक्षणों की रिपोर्ट भी है, जिन्होंने बीजेपी को हिलाकर रख दिया है। वहीं कांग्रेस में आई एकजुटता ने पार्टी को सोचने पर मजबूर किया है। केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने तो साफ तौर पर कहा है कि प्रदेश की जनता शिवराज सरकार की कलाकारी को जान गई है और उसे अब बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय इस बात को मानने के लिए कतई तैयार नहीं है कि पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में हार का डर है। वह कहते हैं कि नेताओं ने कार्यकताओं को सतर्क किया है। वर्ष 2004 के लेाकसभा चुनाव के नतीजों ने पार्टी को सतर्क रहने का संदेश दिया है। अटलजी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने अच्छा काम किया था और हर तरफ यही माहौल था कि पार्टी सत्ता में लौटकर आएगी, मगर ऐसा हुआ नहीं। लिहाजा, पार्टी कार्यकर्ताओं को सतर्क कर रही है, क्योंकि चुनाव करीब है।

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